नींद हमारे शरीर और दिमाग के लिए उतनी ही ज़रूरी है जितना कि खाना और पानी। अच्छी नींद से हमारा स्वास्थ्य ठीक होता है, हम ऊर्जावान महसूस करते हैं, हमारी यादाश्त और सोचने की क्षमता बढ़ती है जबकि खराब नींद से हमारे स्वास्थ्य के साथ-साथ हमारा इम्यून सिस्टम और पाचन क्रिया भी प्रभावित होता है। बहुत सारे लोग ऐसे हैं जो अच्छी नींद नहीं ले पाते जबकि ८ घंटे की अच्छी नींद आवश्यक है। एक सर्वे के मुताबिक हमारे देश में लगभग ५९% लोग लगातार बिना किसी खलल के ६ घंटे भी नहीं सो पाते। ३९% लोग बिना किसी परेशानी के ४ से ६ घंटे ही सोते हैं और बाकी २०% के लगभग लोग ऐसे हैं जो ४ घंटे ही गहरी नींद ले पाते हैं।
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में बहुत से लोग नींद की समस्या से जूझ रहे हैं और परेशान होकर डाक्टरों के चक्कर लगा रहे हैं। बहुत से लोगों का मानना है कि अमीर लोग चैन की नींद सोते होंगे लेकिन नींद का अमीरी और गरीबी से कोई लेना-देना नहीं है। बहुत से गरीब लोगों को जो सुख की नींद आती है वो अमीरों को भारी कीमत चुकाकर भी नसीब नहीं होती। इसका सबसे बड़ा कारण है तनाव। वैज्ञानिक रूप से, अच्छी नींद के लिए कुछ ख़ास तरीके और आदतें अपनाई जा सकती हैं, जो कि आपकी नींद की गुणवत्ता को बेहतर बना सकती हैं।
तो आइए बिना देर किये यह जानते हैं कि आप वैज्ञानिक रूप से अच्छी नींद कैसे ले सकते हैं?
१. नींद का सही शेड्यूल बनाए रखें
हमारा शरीर एक प्राकृतिक जैविक घड़ी (Biological Clock) के हिसाब से चलता है, जिसे सर्केडियन रिदम (Circadian Rhythm) कहते हैं। अगर आप रोज़ाना एक निश्चित समय पर सोने और जागने की आदत डालते हैं, तो आपकी बॉडी-क्लॉक ठीक से काम करने लगती है, जिससे नींद जल्दी आती है और गहरी होती है।
इसके लिए क्या करें?
- रोज़ाना एक ही समय पर सोने और जागने की आदत डालें, यहाँ तक कि वीकेंड पर भी। कोशिश करें कि आदत खराब न हो।
- अगर आपको रात में देर तक जागने की आदत है, तो धीरे-धीरे सोने का समय पहले करें। हर दिन १५ से २० मिनट पहले सोने की कोशिश करें।
२. सोने से पहले स्क्रीन-टाइम कम करें
मोबाइल, लैपटॉप, टीवी आदि से निकलने वाली ब्लू लाइट (Blue Light) हमारे मस्तिष्क को जाग्रत रखती है और नींद के लिए ज़रूरी मेलाटोनिन (Melatonin) हार्मोन के उत्पादन को रोक देती है। इससे नींद में खलल पड़ता है और नींद देरी से आती है तथा खराब क्वालिटी की नींद हो सकती है।
इसके लिए क्या करें?
- सोने से १ घंटे पहले स्क्रीन का इस्तेमाल बंद कर दें।
- अगर स्क्रीन का उपयोग करना ज़रूरी ही हो तो "नाइट मोड" ऑन करें या ब्लू लाइट फिल्टर वाले चश्मे का इस्तेमाल करें।
- अगर नींद न आ रही हो तो किताब पढ़ें, मेडिटेशन करें या हल्की स्ट्रेचिंग करें।
३. कैफीन और निकोटीन का सेवन कम करें
कैफीनयुक्त पदार्थ जैसे- चाय, कॉफी, एनर्जी-ड्रिंक्स और निकोटीन वाली चीजें जैसे- बीड़ी, सिगरेट, तंबाकू। ये सभी हमारे तंत्रिका-तंत्र को उत्तेजित करते हैं और शरीर को अलर्ट रखते हैं, जिससे नींद में बाधा आती है।
इसके लिए क्या करें?
- दिन में ४ बजे के बाद चाय-काॅफी लेने से बचें।
- सोने से पहले हर्बल-टी (कैमोमाइल टी, ग्रीन-टी) या गर्म दूध पिएं।
४. सही वातावरण बनाएं
नींद की गुणवत्ता को सुधारने के लिए बेडरूम का वातावरण बहुत मायने रखता है।
इसके लिए क्या करें?
- संभव हो तो कमरे का तापमान नियंत्रित रखें (न अधिक गर्म और न ही अधिक ठंडा)।
- शयनकक्ष में पूरी तरह अंधेरा या मद्धिम रोशनी रखें।
- बेड और तकिया आरामदायक रखें।
- अगर आपको अच्छा लगता हो हो तो हल्का म्यूजिक या सफेद शोर (White Noise) बजा सकते हैं।
५. सोने से पहले रिलैक्स करने की आदत डालें
सोने से पहले दिमाग को शांत करना ज़रूरी है ताकि शरीर को यह संकेत मिले कि अब सोने का समय आ गया है।
इसके लिए क्या करें?
- सोने से पहले गहरी सांस लेने वाले व्यायाम (Deep Breathing Exercises) करें।
- मेडिटेशन या हल्की योग-मुद्राएँ अपनाएं।
- अगर दिमाग में बहुत सारी बातें घूम रही हों तो जर्नलिंग (Journaling) करें, यानी एक डायरी में अपने विचार लिखें।
६. दिन में व्यायाम करें
वैज्ञानिक रिसर्च बताती हैं कि जो लोग नियमित रूप से व्यायाम करते हैं, उन्हें अच्छी और गहरी नींद आती है।
इसके लिए क्या करें?
रोज़ाना ३०-४० मिनट वॉकिंग, योग, जॉगिंग या हल्की एक्सरसाइज़ करें। लेकिन यह ध्यान रखें कि सोने से ठीक पहले भारी व्यायाम न करें, क्योंकि इससे शरीर अलर्ट हो जाता है और नींद में परेशानी हो सकती है।
७. दोपहर में ज़्यादा न सोएं
अगर आप दिन में बहुत अधिक सोते हैं, तो रात की नींद पर इसका बुरा असर पड़ सकता है।
इसके लिए क्या करें?
- दिन में ३० मिनट से अधिक न सोएं।
- दोपहर में ३ बजे के बाद झपकी लेने से बचें।
८. रात में हल्का और हेल्दी खाना खाएं परंतु पानी कम पीयें
रात में भारी, तैलीय भोजन लेना और अधिक पानी पीना आपकी नींद में बाधा डाल सकता है, क्योंकि भारी भोजन को पचाने में शरीर को अधिक समय लगता है जबकि अधिक पानी से बार-बार पेशाब लगता है जिससे गहरी नींद में खलल पड़ता है।
इसके लिए क्या करें?
- सोने से २ से ३ घंटे पहले हल्का भोजन करें।
- कार्बोहाइड्रेट यानी मीठा और प्रोटीन, संतुलित मात्रा में लें।
- सोने से पहले बहुत अधिक पानी न पिएं।
९. अगर नींद न आए तो ज़बरदस्ती बिस्तर पर न लेटें
अगर २०-३० मिनट तक बिस्तर पर लेटने के बाद भी आपको नींद नहीं आ रही है, तो ज़बरदस्ती लेटे रहने से घबराहट हो सकती है।
इसके लिए क्या करें?
- उठें और कोई शांतिपूर्ण गतिविधि करें (जैसे- किताब पढ़ना या हल्का संगीत सुनना)।
- मोबाइल या लैपटॉप का इस्तेमाल करने से बचें।
- जब नींद महसूस हो, तब ही वापस बिस्तर पर जाएं।
१०. स्ट्रेस न लें और चिंता कम करें
अधिक तनाव और चिंता से नींद पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
इसके लिए क्या करें?
- दिनभर की चिंताओं को नोट करें और वे कैसे दूर होंगी? इसका उपाय करें।
- रिलैक्सिंग-म्यूजिक सुनें या गाइडेड-मेडिटेशन का उपयोग करें।
- खुद को बार-बार याद दिलाएं कि नींद आना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, ज़बरदस्ती सोने की कोशिश न करें।
निष्कर्ष
अच्छी नींद के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण से कुछ छोटी-छोटी आदतें बहुत प्रभावी हो सकती हैं। सही समय पर सोना, स्क्रीन टाइम कम करना, सही आहार लेना, तनाव कम करना और बेडरूम का अच्छा माहौल बनाना, ये सभी चीज़ें मिलकर आपकी नींद की गुणवत्ता को बेहतर बना सकती हैं।
अगर आप इन आदतों को नियमित रूप से अपनाते हैं, तो न सिर्फ आपकी नींद अच्छी होगी, बल्कि आपका स्वास्थ्य, मूड और जीवनशैली भी बेहतर हो जाएगी।
"तो आज से ही इन वैज्ञानिक तरीकों को अपनाएं और गहरी तथा सुकून भरी नींद लें!"
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बहुत बढ़िया लेख है।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद!
जवाब देंहटाएंNice badhiya
जवाब देंहटाएंThanks! for supporting & encouragement
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