हंसना, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा है। क्या आप जानते हैं आपकी एक छोटी सी मुस्कान, आपको खुद के साथ-साथ दूसरों को भी खुशी का अहसास दिलाती है? जब आप हंसते हुए दिन की शुरुआत करते हैं तो आपका पूरा दिन अच्छा और सकारात्मक होता है। फेफड़ों के छोटे-छोटे हिस्सों में अक्सर पुरानी हवा भरी रहती है। सामान्य रूप से सांस लेने से थोड़ी सी ही वायु फेफड़ों के भीतर प्रवेश करती है जिससे हवा का आदान-प्रदान कुछ खास भागों में ही हो पाता है और शेष भाग यों ही सुस्त और निकम्मा पड़े रहते हैं। जिसके कारण फेफड़े संबधी कई रोग होने की आशंका रहती है। परन्तु जब हम खुलकर हंसते हैं तब हमारे फेफड़ों में भरी हुई पहले की हवा पूरी तरह बाहर निकल जाती है और उसके स्थान पर नयी और ताजी हवा पहुंचती है।
खिलखिलाकर हंसने से अधिकाधिक मात्रा में आक्सीजन फेफड़ों के अंदर पहुँचती है और कार्बन डाइऑक्साइड बाहर निकलती है जिससे शरीर रिलेक्स महसूस करता है और स्वस्थ होता है। आपकी थोड़ी सी हंसी, आपके शरीर को कई तरह की बिमारियों से दूर रखती है।
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योग और नेचुरोपैथी के एक्सपर्ट का मानना है
कि हंसना शरीर के लिए किसी मुफीद दवा से कम नहीं है। खुलकर हंसने से शरीर में
एंडोर्फिन नामक हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है जिससे मानसिक तनाव, अवसाद और
दर्द कम हो जाता है। इसीलिए इस हार्मोन को "हैप्पी हार्मोन" भी कहते
हैं। अच्छे स्वास्थ्य में संतुलित खान-पान के साथ-साथ हंसने की भी महत्वपूर्ण
भूमिका होती है। कहने का तात्पर्य यह है कि यदि आप पूर्ण रूप से स्वस्थ रहना चाहते
हैं तो आप हंसी को भी अपनी अच्छी आदतों में शामिल कर लें।
खिलखिलाकर हंसने के बहुत सारे फायदे होते हैं जैसे-
- दिल-दिमाग खुश होता है।
- इम्यून सिस्टम मजबूत होता है।
- शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
- आपकी हंसी, दिन भर की थकान और चिंता को दूर भगाने में सहायक होती है।
- रक्त संचार दुरूस्त होता है।
- हृदय मजबूत होता है, जिससे दिल से संबंधित बिमारियों का खतरा कम होता है।
- मुंह की रसवाहिनी गिलटियां हंसने से चैतन्य होकर ज्यादा मात्रा में लार बहाने लगती हैं जिससे पाचन शक्ति बढ़ती है और भूख लगती है।
- खिलखिलाकर हंसने से मुंह, गरदन, छाती और उदर के बहुत से उपयोगी स्नायुओं को आवश्यक कसरत करनी पड़ती है। जिससे वे प्रफुल्लित और मजबूत बनते हैं। इसी तरह मांसपेशियों, ज्ञानतंतुओं को हंसने से दृढ़ता मिलती है।
- मुंह की मांसपेशियों और नसों का अच्छा व्यायाम है।हंसने से मुंह, गाल और जबड़े पर बड़ा अच्छा असर होता है।
- चेहरे की रौनक बढ़ती है।
- आप खूबसूरत और जवान दिखते हैं।
- रक्तचाप नियंत्रित रहता है।
- घर से लेकर आपके आफिस तक का माहौल सकारात्मक और खुशनुमा बनता है।
- आपसी मनमुटाव को दूर कर मेलजोल बढ़ाने में सहायक होती है।
- व्यक्तित्व में निखार आता है।
- मेलाटोनिन हार्मोन ज्यादा बनता है जिससे रात में नींद अच्छी होती है।
हंसने के लिए आपको बाहर साधन ढूढ़ने की जरूरत नहीं है:
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उस बच्चे को आपके साथ खेलता हुआ देखकर घर के बाकी छोटे बच्चे भी आपके पास आकर अपनी मधुर और तोतली भाषा में आपसे बातें करने को आतुर हो जायेंगे। जब बच्चों के रूप में प्रकृति के इन सरल, अबोध और निश्छल खिलौनों में हंसी का सरोवर बह रहा है तो आप अपनी हंसी का कारण ढूढ़ने कहाँ जा रहे हैं? घर में ही बच्चों के साथ हंसें-खेलें। मां, बहन, भाई, पत्नी के साथ दिल खोलकर बातें करें और हंसें। अपने मित्रों के साथ हंसी-मजाक, ठिठोली करें।
इस तरह
आप पायेंगे कि पहले का कठिन सा लगने वाला आपका काम दूसरे दिन कितना सरल और
आनंददायक हो जाता है। ईश्वर पर भरोसा रख, मुश्किल हालात् में भी दिल खोलकर हंस
लें। हंसने की कला सीखना, बहुत मुश्किल का काम नहीं है। अकेले में भी हों तो आपबीती या दूसरे पर बीती हुई मनोरंजक घटनाओं को याद
करके हंस पड़ें। दर्पण के सामने बैठकर हंसें और अपने हंसते हुए सुंदर चेहरे को
देखकर प्रसन्नता से और जोर से हंसें। आप गांठ बांध लें कि जब भी किसी से बात
करेंगे, मुस्कराते हुए करेंगे और इस नेक काम को अपने घर के
सदस्यों से ही शुरू करें। स्मरण रखिये, "प्रसन्न
रहना स्वास्थ्य को उन्नत बनाने का मूल मंत्र है"।
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