10 जून 2021

सफलता के नियम । सफलता के मूल मंत्र

दुनियाँ में हर इंसान, सफल एवं खुशहाल होना चाहता है किन्तु सभी ऐसा नहीं हो पाते हैं। कई बार तो ऐसा होता है कि मेहनत करने के बाद भी सफलता हासिल नहीं होती, उस समय लोग अपनी किस्मत को दोष देते हुए परिश्रम करना ही छोड़ देते हैं। इसके पीछे बहुत से कारण हो सकते हैं। प्रायः सबके जीवन में कुछ कुछ मुश्किलें होती हैं। यह नहीं भूलना चाहिए कि सफलता की राह, असफलता से ही होकर गुजरती है

जो मनुष्य सफलता के नियम का पालन करता है, अपने जीवन के सफर में आने वाली हर मुश्किलों, बाधाओं का डटकर मुकाबला करता है और संघर्ष करते हुए आगे बढ़ता है, मंजिल तक वही पहुंचता है। सफलता भी उसी के कदम चूमती है। जैसे कि महान संत कबीर दास जी ने कहा है;

जिन ढूंढ़ा तिन पाइयां, गहरे पानी पैठि। 

मैं बपुरा बूड़न डरा, रहा किनारे बैठि।।


सौजन्य: Hindustan

Contents:

  • सफलता क्या है
  • सफलता का मूल्यांकन भी जीवन की अवस्था के हिसाब से अलग-अलग होता है
  • सफलता के नियम / सफलता के मूल मंत्र
  • संघर्ष से सफलता की प्रेरक कहानी
  • सफलता की राह को सुगम बनाने वाली महत्वपूर्ण बातें
  • सफलता की राह में आने वाली बाधाएँ
  • सफलता से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ) 

सफलता क्या है


सफलता एक व्यापक शब्द है जो सफलता के विभिन्न पहलुओं को आवश्यक आधार से परिभाषित करता है। सामान्य रूप सेसफलता का अर्थ है किसी लक्ष्यमानदंड या परिकल्पना को पूरा करना है

सफलता के मापदंड व्यक्ति की व्यक्तिगत प्राथमिकताओं और मान्यताओं पर निर्भर करते हैं। किसी के लिए सफलता धनशोहरत का प्रतीक हो सकती हैजबकि किसी अन्य व्यक्ति के लिए यह सामाजिक या पारिवारिक संबंधोंस्वास्थ्यआत्म-प्रगति या सामाजिक सुदृढ़ता से जुड़ी हो सकती है।

सफलता का मूल्यांकन भी जीवन की अवस्था के हिसाब से अलग-अलग होता ह; जैसे-

बाल्यावस्था में विद्यार्थी, शैक्षणिक परीक्षाओं में अच्छे अंकों से उत्तिर्ण होकर खुश होते हैं तो कुछ बच्चे खेल-कुद में बहुत अच्छा प्रदर्शन कर अपने को सफल बनाते हैं। 

युवावस्था में, युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाएं पास कर अच्छी से अच्छी नौकरी प्राप्त करना या अपना अच्छा सा व्यवसाय स्थापित करना, इस अवस्था की सफलता मानी जाती है। 

प्रौढ़ावस्था मे, मनुष्य की कामयाबी अपने बच्चों को उचित संस्कार एवं जीवनोपयोगी शिक्षा दिलाने के साथ अधिक से अधिक धनोपार्जन और उसका संचय करना होता है। 

बृद्धावस्था तो, कमोबेश सबके लिए पीड़ादायक होती है। इसलिए इस अवस्था में यह जरूरी होता है कि मनुष्य का स्वास्थ्य ऐसा हो कि वह अपनी रोजमर्रा की जिन्दगी से जुड़े अपने आवश्यक कामों को खुद से कर सकें और किसी के उपर बोझ बनें।

सौजन्य: Shortशायरी

सफलता के नियम / सफलता के मूल मंत्र:

 इच्छाशक्ति 

मनुष्य की प्रबल इच्छाशक्ति, उसके संकल्प को पूरा कर सफलता दिलाने में मददगार साबित होती है। 

वचनबद्धता 

वचनबद्धता, एक ऐसा गुण है जिसके कारण कोई भी इंसान समाज में लोगों का विश्वास जीतता है। लोग उसकी कही हुयी बातों पर भरोसा करते हैं। एक कामयाब आदमी चाहे कुछ भी हो जाये जबान देकर मुकरता नहीं है बल्कि अपनी बात पर अडिग रहता है और वह हमेशा, प्रा जाए पर वचन जाए में विश्वास करता है। 

जिम्मेदारी लेना

जिम्मेदारी के साथ काम करने वालों का मनोबल बढ़ता जाता है साथ ही साथ समाज में उसका कद भी ऊंचा होता है। लोग उसे सम्मान की दृष्टि से देखते हैं। 

सौजन्य: Funky Life

कड़ी मेहनत 

कड़ी मेहनत, सफलता का मूल मंत्र है। कहने का तात्पर्य यह है कि परिश्रम ही वह सुनहरी चाबी है जो सौभाग्य का द्वार खोल देती है हमारे शास्त्रों में कहा गया है, 

उद्यमेन हि सिद्ध्यंति कार्याणि, न मनोरथैः। 

नहिं सुप्तस्य सिंहस्य, प्रविशन्ति मुखे मृगा:।।

अर्थात् परिश्रम करने से ही सफलता मिलती है, केवल सोचते रहने से नहीं। जैसे सोये हुए सिंह के मुंह में मृग, अपने आप नहीं जाते हैं। सिंह को भी अपने आहार हेतु परिश्रम यानी शिकार तो करना ही पड़ता है।

ऊंचा चरित्र  

सफलता की उच्च शिखर पर चढ़ने के लिए व्यक्ति को ऊंचे चरित्र का होना भी बहुत जरूरी है। चरित्र वह मजबूत बुनियाद है, जिस पर सफलता का महल दीर्घकाल तक टिका रह सकता है। 

सकारात्मक नजरिया

एक सफल व्यक्ति का नजरिया सदैव सकारात्मक होता है। इससे जिन्दगी जीने का दृष्टिकोण ही बदल जाता है। जीवन आनंदित होता है और पूरी दुनियाँ उसे रंगीन लगने लगती है। सकारात्मक नजरिया वालों से दूसरे लोगों को भी प्रेरणा मिलती है। 

७ आत्मविश्वास

अपनी योग्यताओं और शक्तियों पर विश्वास करना, आत्मविश्वास कहलाता है। आत्मविश्वास वह ऊर्जा है जो मनुष्य की सफलता के मार्ग में आने वाली हर बाधाओं, कठिनाइयों से लड़ने की शक्ति प्रदान करती है। 

सौजन्य: Dainik Bhashkar

दृढ़ विश्वास 

दृढ़ विश्वास से व्यक्ति के मार्ग में चाहे कितनी भी मुश्किलें आयें, वह अपने मार्ग से तनिक विचलित नहीं होता। वह संघर्ष जारी रखता है और अंत में अपनी मंजिल पर पहुँच ही जाता है। 

अपने काम में गर्व महसूस करें 

जिन्दगी को खुलकर जीयें और अपने मनचाहे काम को पूरा करने के बाद, अपने उपर गर्व महसूस करें। 

१० नयी चीजें सीखते रहें

कहा जाता है कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती इसलिए हमें जीवन को सफल बनाने के लिए व्यक्ति को नित नयी-नयी चीजें सीखते रहना चाहिए और अपना ज्ञानवर्धन करते रहना चाहिए।

११ अनुशासन

अनुशासन सफलता का आवश्यक अंग है। इसलिए यह देखा गया है कि सभी सफल व्यक्तियों का जीवन बेहद अनुशासित रहा है। 

१२ आत्मसम्मान

आत्मसम्मान, खुद के बारे में अच्छी सोच रखना होता है। अपने बारे में हम जो सोच रखते हैं उसी से हमारा भविष्य तय होता है। आत्मसम्मान का हमारे जीवन में गहरा असर पड़ता है। जो व्यक्ति अपने अंदर आत्मसम्मान का भाव नहीं रखता है, उसे सफलता नहीं मिलती है। 

१३ अच्छे लोगों की संगति

संगति का जीवन में महत्व है। संगति के उपर एक कहावत है, “जैसा संग वैसा रंग यानी मनुष्य की जैसी संगति होती है, वैसा ही उसका स्वभाव होता है। इसलिए सफलता हासिल करने के लिए जरूरी है कि सफल व्यक्तियों का साथ हो। 

१४ अपनी कमियों को स्वीकार करें

दुनियाँ में कोई परफेक्ट नहीं होता है। कमियाँ तो सबमें होती हैं परंतु सफल व्यक्ति, अपनी कमियों को छुपाते नहीं, बल्कि उसे दूर करने का प्रयास करते हैं

१५ लक्ष्य निर्धारित करना

सफलता हासिल करने के लिए लक्ष्य का निर्धारिण के साथ उस पर फोकस करना अत्यंत आवश्यक है। 

महाभारत का प्रसंग हैएक बार गुरु द्रोणाचार्य ने अपने शिष्यों की परीक्षा लेने के लिए मिट्टी की बनी हुई चिंड़िया एक पेड़ पर रखवा दिये। और अपने शिष्यों से बारी-बारी से उस चिंड़िया की आंख में निशाना लगाने को कहा। इसके लिए, गुरु ने एक शिष्य को बुलाया और पूछा, “तुम्हें क्या दिखाई दे रहा है?" शिष्य ने उत्तर दिया, “गुरुदेव! मुझे तो बहुत सारे पेड़, चिंड़िया और आप सभी लोग भी दिखाई दे रहे हैं गुरु ने उस शिष्य को एक तरफ हटाया। दूसरे शिष्यों को भी बारी-बारी से बुलाया तथा सबसे वही प्रश्न किया। सबने कुछ वैसा ही जबाब दिया। 

अंत में अर्जुन को बुलाया और उससे भी वही प्रश्न दुहराया। अर्जुन ने कहा, “गुरुदेव, मुझे तो चिड़िया की आंख के सिवा कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा है यह सुनकर गुरु प्रसन्न हुए और अर्जुन से कहा, “निशाना लगाओ अर्जुन ने निशाना लगाया और चिंड़िया की आंख को भेद दिया। कहने का तात्पर्य यह है कि सफलता हासिल करने के लिए हमेशा अपने लक्ष्य को ही फोकस करना चाहिए। 

१६ अच्छा स्वास्थ्य 


सफलता की सीढ़ियों पर लगातार चढ़ने के लिए के लिए मनुष्य अच्छा स्वास्थ्य जरूरी है। दैनिक जीवन में कुछ आदतें जैसे, सुबह उठकर टहलना, व्यायाम करना, अच्छी पुस्तकें पढ़ना तथा संतुलित आहार लेकर अपने आप को स्वस्थ रखा जाता है। 

१७  रिस्क लें


सफलता हासिल करने के लिए एक सीमा तक रिस्क लेना आवश्यक है। अगर आप जीवन में रिस्क लेना सीख गये तो आप कोई भी काम आसानी से पूरा कर सकते हैं। 

१८ सबसे जरूरी काम पहले करें


आप अपने काम की लिस्ट चेक करें और वह काम पहले करें जो सबसे महत्वपूर्ण और जरूरी हो। यह बहुत ही अच्छी आदत है। इस तरह से काम करने से सफलता के साथ-साथ, आत्मविश्वास और मनोबल बढ़ता है।

१९ सही निर्णय लें

आपके एक गलत निर्णय से जीती हुयी बाजी, हार में बदल सकती है। अत: सही समय पर सही निर्णय लें और अपने निर्णय पर कायम रहें। बहुत सोच समझकर निर्णय लें। असमंजस की स्थिति में कोई भी निर्णय न लें। 

२० समय की कीमत समझें

समय सबसे अधिक मूल्यवान है। आपके जीवन का एक-एक पल बेशकीमती है। बीता हुआ एक सेकेंड भी जीवन में दुबारा नहीं मिल सकता है। अतः समय के महत्व को समझते हुए कोई भी काम नियत समय पर करें तभी आपके काम समय पर पूरे होंगे और सफलता की राह सुगम होगी। 



२१ बोलने की कला सीखें

कम्यूनिकेशन-स्किल का सफलता में बहुत बड़ा रोल होता है। कुछ लोग अपनी बात को इस ढंग से से प्रस्तुत करते हैं कि सामने वाले पर उसका गहरा प्रभाव पड़ता है। लोग उनकी बातों को बड़े ध्यान से सुनते हैं और सहजता से मान लेते हैं। 

२२ अच्छे श्रोता बनें

जब भी आप किसी की बात को ध्यान से सुनते हैं तो उसे यह लगता है कि आप उसकी बातों को महत्व दे रहे हैं। इससे उसके मन में आपके प्रति सम्मान बढ़ जाता है। 

संघर्ष से सफलता की प्रेरक कहानी:

एक समय की बात है, एक छोटे से गाँव में रहने वाला लड़का था, जिसका नाम रामू था। रामू बहुत बड़ा सपना देखता था कि वह एक दिन दुनिया में अपने परिवार और गाँव का नाम रोशन करेगा। उसके परिवार में गरीबी थी और उसके माता-पिता कम पढ़े-लिखे थे। लेकिन रामू समाज में शिक्षित लोगों के रहन-सहन, उनकी विचारधारा और सफलता को देख सुन-कर, शिक्षा का महत्व भलीभांति समझ चुका था। परंतु गाँव में अच्छा स्कूल नहीं था इसलिए अच्छी शिक्षा पाने के लिए उसको दूरदराज के शहर जाना पड़ता था। पहले उसे गाँव के लोग यहाँ तक की उसके ही परिवार के लोग उसे और उसके ख्वाबों को समझ नहीं पाये और उसे खामोश करने की कोशिश किये। लेकिन रामू के दिल में एक ज्वाला जगमगाने लगी थी और उसने इन सभी मुश्किलों का सामना करना शुरू कर दिया।

रामू अपने जीवन के सभी विपरीत परिस्थितियों के बावजूद पढ़ाई में लगा रहा, मेहनत करता रहा, और अपने सपनों का पीछा करता रहा। धीरे-धीरे, उसकी पढ़ाई में सफलता मिलने लगी और उसने एक अच्छे कॉलेज में एडमिशन लिया। अब तो उसके गाँव के लोग और परिवार के सभी सदस्य भी उसके समर्थन में आ गए।

सौजन्य: soch ka safar

कॉलेज के दौरान भी रामू को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा, लेकिन उसने इन सभी चुनौतियों का डटकर सामना किया और हार नहीं मानी। उसने अपनी लगन, मेहनत और समर्पण से उच्च शिक्षा हासिल की। एक दिन, रामू के पास एक विश्वविद्यालय से नौकरी का ऑफ़र आया। वह अपने गाँव में लौटने का निर्णय लेने के लिए समय लिया। उसके गाँव में अब विद्या का महत्व समझा जाने लगा था और उसके उदाहरण से बच्चे पढ़ाई में लग गए। रामू की सफलता की कहानी उन्हें प्रेरित करने लगी और उन्होंने भी अपने लक्ष्यों को पाने के लिए संघर्ष करना शुरू कर दिया।

रामू की कठिनाइयों और संघर्षों से भरी हुई कहानी ने न सिर्फ उसके सपनों को साकार किया, बल्कि उसने अपने गाँव के लोगों को भी एक नई दिशा दिखाई। उसके परिवार और गाँव-समाज के लोग उसके सफलता के लिए गर्व और उत्साह से भर गए। रामू ने नौकरी के बजाय अपने गाँव में एक स्कूल खोलने का फैसला किया। उसे लगा कि शिक्षा के माध्यम से वह अपने गाँव के बच्चों को एक बेहतर भविष्य दे सकता है। रामू की मेहनत, समर्पण, और विश्वास ने उसके छात्रों को भी प्रेरित किया और उन्होंने भी शिक्षा के प्रति अपना दृढ विश्वास दिखाया।

धीरे-धीरे, रामू के स्कूल में छात्रों की संख्या बढ़ती गई और उसके स्कूल का नाम "विद्या-निधि स्कूल" रखा गया। विद्या-निधि स्कूल गाँव के बच्चों के लिए एक ऐसा मंच बन गया, जहां उन्हें अधिक से अधिक ज्ञान और विकास का मौका मिलता था।विद्या-निधि स्कूल की सफलता और रामू के संघर्ष की कहानी उसे समाज के विभिन्न मंचों पर सम्मानित करने लगी। उसकी कठिनाइयों को देखकर और उसकी अद्भुत सफलता के पीछे की मेहनत देखकर लोग उसे एक प्रेरणास्रोत मानने लगे। विद्या-निधि स्कूल की सफलता ने रामू को एक आदर्श नागरिक बना दिया और उसने अपने गाँव में सामाजिक तथा आर्थिक उन्नति के लिए भी कई अभियान चलाए। उसने खेती-बाड़ी में नए तकनीकों को प्रोत्साहित किया और लोगों को संसाधनों का उचित उपयोग करना सिखाया। रामू ने अपने गाँव के लिए स्वच्छता, स्वास्थ्य, और शिक्षा के क्षेत्र में उच्चतम मानकों की स्थापना की।

इस रूप में, रामू की कहानी एक साधारण गाँव के एक छोटे से लड़के के जीवन के संघर्ष से लेकर उसकी बड़ी सफलता तक की एक अद्भुत सफलता की कहानी है। यह सिखाती है कि सपने साकार करने के लिए कठिनाइयाँ तो होती हैं, लेकिन जब इन्हें हौसले से पार किया जाए और न सिर्फ खुद का बल्कि दूसरों का भला सोचा जाए तो सफलता अवश्य मिलती है 

कहानी से सीख:


रामू की यह कहानी हमें यह सिखाती है कि सफलता का मार्ग आसान नहीं होता, लेकिन संघर्ष के माध्यम से हम अपनी प्रतिबद्धता को साबित कर सकते हैं और अपने लक्ष्य की प्राप्ति कर सकते है। वास्तविक सफलता शिक्षा, ज्ञान, और नैतिक मूल्यों के साथ आती है। 

जीवन में सफलता का मतलब सिर्फ अपने लक्ष्यों को पूरा करने में ही नहीं होता है, बल्कि उस सफलता का असली आनंद वह होता है जो हमें दूसरों की मदद करने, समाज के लिए योगदान देने, और समृद्धि के साथ जीने के लिए विशाल स्तर पर समर्थ बनाती है। 

सफलता की राह को सुगम बनाने वाली कुछ महत्वपूर्ण बातें:

  • अच्छी और प्रेरणादायी पुस्तकें पढ़ें ताकि आपके मन में आने  वाले विचार उन्नत तथा सकारात्मक हों।
  • अच्छे स्वास्थ्य के लिए आदर्श दिनचर्या का पालन करें।
  • हमेशा खुश रहने की आदत डालें। 
  • दूसरे की सफलता से प्रेरणा लें, कि ईर्ष्या की भावना रखें। 
  • रोज सबेरे अपने काम की सूची बनाए और दिन के समाप्त होने पर, उस सूची का अवलोकन करें कि कौन से काम पूर्ण हुए? और कौन से काम अपूर्ण रह गए और क्यों
  • रिश्तों की खूबसूरती को समझें। 
  • आशावादी तथा उदार बनें। 
  • अच्छे व्यक्तित्व के निर्माण के लिए सदैव प्रयत्नशील रहें। 
  • मिलनसार, मृदुभाषी तथा विनम्र बनें। 
  • क्षमाशील हों। 
सफलता की राह में आने वाली बाधाएँ:

  • अहंकार 
  • असफलता का डर 
  • आत्मसम्मान की कमी 
  • दृढ़ता की कमी 
  • कोई योजना का न होना   
  • टालमटोल की आदत 
  • कोई निश्चित लक्ष्य न होना 
  • एकाग्रता की कमी 
  • आर्थिक सुरक्षा से जुड़े मसले 
  • ट्रेनिंग की कमी 
  • प्राथमिकताएं न तय कर पाना 
  • पारिवारिक ज़िम्मेदारियां 
  • सारा बोझ खुद ही उठाना 
  • जुड़ाव न महसूस करना 
सौजन्य: Dainik Bhashkar

खुशहाल जीवन के लिए सतत् प्रयत्नशील रहना चाहिये। सफलता की राह बिल्कुल भी आसान नहीं होती, बल्कि मुश्किलों वाली होती है। फिर भी सफलता के जुनूनी, राह में आने वाली हर बाधाओं का डटकर सामना करते हैं। वे असफलता से कभी मायूस नहीं होते, हार नहीं मानते और अंततोगत्वा अपनी सूझबूझ तथा परिश्रम के बल पर सफलता प्राप्त कर ही लेते हैं। जब किसी मनुष्य के जीवन में छोटी-छोटी सफलताओं का सिलसिला अनवरत चलता है तो वह मनुष्य कामयाबी के शिखर पर चढ़ता चला जाता है और समाज में एक मिसाल बन जाता है।

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सफलता से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न और उनके उत्तर: 

सफलता के संबंध में आम तौर पर निम्न प्रश्न पूछे जाते हैं:

प्रश्न-१: सफलता का मतलब क्या होता है?

उत्तर: विभिन्न व्यक्तियों के लिए सफलता का मतलब अलग-अलग होता है। किसी के लिए सफलता का मतलब अधिकाधिक पैसा कमाना हो सकता है, किसी के लिए शांति, किसी के लिए शोहरत और किसी के लिए अच्छा स्वास्थ्य। कहने का तात्पर्य यह है कि, "आत्म-निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति ही सफलता कहलाती है।"

प्रश्न-२: सफलता प्राप्त करने का मूल मंत्र क्या है?

उत्तर: सफलता प्राप्त करने के कई मंत्र हैं; जिनमें संघर्ष, समय का प्रबंधन, लगन, समर्पण, धैर्य, निरंतर सीखना, स्वस्थ जीवनशैली, और सकारात्मक सोच आदि शामिल हैं।

प्रश्न-३: सफलता के लिए जरूरी क्षमताएं कौन-कौन सी होती हैं?


उत्तर: सफलता के लिए व्यक्ति के अंदर निर्णय लेना , समस्या समाधान, टीम वर्क, समय प्रबंधन, आत्म-अनुशासन, और आत्म-मोटीवेशन आदि जैसी क्षमताएं होनी आवश्यक हैं।

प्रश्न-४: सफलता का सच्चा माप क्या है?

उत्तर: सफलता का सच्चा माप, व्यक्तिगत प्रगति और संतुष्टि हो सकती है। यदि आप अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर रहे हैं और आपके जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो रहा है, तो आप सफल हो सकते हैं।

प्रश्न-५: अधिक सफल होने के लिए क्या करना चाहिए?

उत्तर: अधिक सफल होने के लिए, आपको निरंतर अपने लक्ष्यों की ओर काम करना होगा, नई चीज़ें सीखना होगा, और अपनी गलतियों से सीखना होगा। स्वास्थ्य, संबंध, और स्व-विकास पर ध्यान देना भी महत्वपूर्ण है।

*****


 


                                                                             

15 टिप्‍पणियां:

  1. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  2. Well explained .
    Personally for me, the definition of success could be different from others which is already explained
    In summarize
    If a person is healthy (Physically & mentally) and the ultimate result is positive of his doing and helpful for wellbeing of humanity
    IS A SUCCESSFUL PERSON
    Regards
    F R PATEL

    जवाब देंहटाएं

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