21 जून 2021

असफलता एक चुनौती है इसे स्वीकार करो

जीवन एक यात्रा है, जिसमें हर कोई अपनी-अपनी मंज़िल की ओर बढ़ता है। हर व्यक्ति की मंज़िलें अलग होती है और हर किसी की जीवन-यात्रा का अपना एक स्वतंत्र पथ होता है। किन्तु, यह यात्रा कभी-कभी चुनौतियाँ भी लेकर आती है। यदि हम असफलता को स्वीकार करते हैं, तो वह हमें तोड़ती नहीं बल्कि हमें और अधिक मजबूत बनाती है। यह हमें जीवन के प्रति एक नया दृष्टिकोण प्रदान करती है, और हमें अपने सपनों की ओर बेहतर और निर्णायक ढंग से बढ़ने की प्रेरणा देती है। इसलिए, असफलता एक चुनौती है इसे स्वीकार करो। 

इस लेख में, हम असफलता की चुनौती को कैसे स्वीकार करें? उस पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

         सौजन्य- गूगल (कोरा)


Contents:

असफलता पर विस्तृत समीक्षा
असफलता से सफलता की  प्रेरक कहानी
असफलता के कारण
असफलता से बचने के उपाय
असफलता से सफलता पर शायरी
असफलता से सीख
"असफलता एक चुनौती है" से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ) 

असफलता पर विस्तृत समीक्षा:

असफलता एक ऐसी स्थिति है जब हमें, हमारे उद्देश्यों को प्राप्त करने में विफलता मिलती है। हमारे समाज में असफलता को नकारात्मक रूप में देखा जाता है। हमें यह सिखाया जाता है कि असफलता से डरना चाहिए और उसे रोकने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए। लेकिन क्या यह सही है? क्या असफलता हमेशा बुरी होती है? शायद नहीं।

असफलता एक चुनौती है, और चुनौतियाँ हमें मजबूत बनाती हैं। वे हमें नए तरीके सोचने के लिए प्रेरित करती हैं, हमारी सीमाओं को चुनौती देती हैं और हमारे आने वाले कल को बेहतर बनाने के लिए प्रोत्साहित करती हैं। हमें अपनी असफलताओं को देखने का नजरिया बदलना होगा। 

असफलता स्वीकार करना कठिन हो सकता है, लेकिन यह हमें सच्चाई से जुड़ने का एक मार्ग प्रदान करती है। जीवन में असफल होना कोई बड़ी बात नहीं है।  असफलता को स्वीकार करने में साहस की आवश्यकता होती है। इसे अपनाने के लिए हमें खुद को मानसिक रूप से तैयार करना होगा। हमें यह समझना होगा कि असफलता भी जीवन का उसी तरह एक हिस्सा है, जिस तरह कि सफलता है। 

असफलता को स्वीकार करने का मतलब होता है स्वयं को स्वीकार करना। हम सब मनुष्य हैं जिनमें कमोबेश कमियाँ होना स्वाभाविक है और हम सभी अपने जीवन में अपनी क्षमताओं और योग्यताओं के आधार पर विकसित होते हैं। अपनी असफलताओं को स्वीकार करके, हम अपने आत्मसम्मान और आत्म-विश्वास को मजबूत कर सकते हैं। जीवन में सफलता और असफलता सिक्के के दो पहलू की तरह है। अत: हमें यह सहर्ष स्वीकार करना होगा कि जीवन में हम भी असफल हो सकते हैं। 

असफलता से लोग डर जाते हैं, निराश हो जाते हैं, उसे सहजता से स्वीकार नहीं करते। जबकि सफलता की राह असफलता से ही होकर गुजरती है।असफल होने पर हमें निराश नहीं होना चाहिए, बल्कि असफलता को एक चुनौती के रूप में स्वीकार करना चाहिए। असफल होने के बाद, संघर्ष करके जब सफलता हासिल की जाती है तो उसका आनंद ही कुछ अलग होता है। 

सफलता और असफलता के बीच बहुत ही कम का फासला होता है। ओलंपिक खेलों में बहुत सारे खिलाड़ी भाग लेते हैं। किन्तु उनमें से कोई एक ही खिलाड़ी विजयी होता है। इसका मतलब ये नहीं है कि बाकी सारे खिलाड़ी असफल हैं या वे मेहनत नहीं किये हुए होते हैं। इसका मतलब ये भी नहीं होता कि वे खेल के हुनर नहीं जानते। पहली बार हारने वाले खिलाड़ी दूसरी बार में मैच जीत जाते हैं और पहली बार जीते हुए खिलाड़ी दूसरी बार में हार भी जाते हैं। आपने क्रिकेट मैच में तो देखा होगा कि शतक बनाने वाले खिलाड़ी, शून्य पर भी आउट होते हैं। 

दुनियाँ के सफल लोगों की जिंदगी को गहराई से देखें तो पायेंगे कि वे सभी लोग अपने जीवन में कभी न कभी असफलता का स्वाद जरूर चखा होगा। ऐसे बहुत से लोग हैं जो अपनी जिंदगी में बड़ी से बड़ी चुनौतियों का सामना करने के बाद सफलता के मुकाम तक पहुँच सकेे। जैसे- 

अमेरिका के राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन, रिलायंस कम्पनी के संस्थापक धीरूभाई अंबानी, महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइन्सटीन, फोर्ड मोटर के संस्थापक हेनरी फोर्ड। एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स, वॉल्ट डिज्नी, जे. के रोलिंग, नेल्सन मन्डेला, स्टीफन किंग आदि। 

असफलता से सफलता की प्रेरक कहानी 

(Motivational Story on Failure to Success):

महान वैज्ञानिक थॉमस एल्वा एडिसन की जीवनी असफलता से सफलता की एक ज्वलंत मिसाल है 


एडिसन को आमतौर पर बिजली के बल्ब के आविष्कारक के रूप में जाना जाता है, लेकिन उन्होंने इस उपलब्धि को प्राप्त करने के लिए अनगिनत विफलताओं का सामना किया।

एडिसन बल्ब को सही तरीके से काम करने के लिए एक सही तार ढूंढ़ रहे थे। उन्होंने हजारों बार प्रयास किए, लेकिन हर बार विफलता ही हाथ लगी। लोग उन्हें उनकी विफलताओं के लिए उनका उपहास करने लगे थे, लेकिन एडिसन ने कभी हार नहीं मानी। उन्होंने जिस धैर्य और समर्पण के साथ अपने काम में जुटे रहे, वह आज भी लोगों को प्रेरणा देता है।

जब एक पत्रकार ने एडिसन से पुछा कि उनके हजारों बार असफलताओं के बारे में क्या ख्याल है? तो एडिसन ने जवाब दिया, "मैंने कभी विफलता नहीं देखी, मैंने सिर्फ 10,000 तरीके देखे जो काम नहीं करते।"

एडिसन का यह उत्तर आज भी हमें यह बताता है कि सफलता और असफलता केवल हमारे दृष्टिकोण पर निर्भर करती है। अगर हम अपनी असफलताओं को सीखने का अवसर मानते हैं, तो हमें हर विफलता एक नई सफलता की ओर ले जाती है।

आखिरकार, एडिसन ने उस तार को खोजने में सफलता प्राप्त की, जिसने बिजली के बल्ब को अद्भुत रूप से काम करने के लिए प्रेरित किया। उनकी स्थिरता, समर्पण और दृढ़ता ने उन्हें उनकी असफलताओं को सफलता में परिवर्तित करने की क्षमता दी। उन्होंने दुनिया को दिखाया कि असफलता से सफलता के मार्ग का कैसे निर्माण होता है? 

असफलता के कारण:

१ सफलता को लेकर संदेह 


सफलता को लेकर कभी भी संदेह नहीं करना चाहिए। 

२ योजनाबद्ध तरीके से काम न करना


कोई भी काम करने से पहले पूरी योजना बनाना चाहिए। योजनाबद्ध तरीके से काम नहीं होने पर काम की सफलता सुनिश्चित नहीं होती है। 

३ जोख़िम न उठाना

सफलता की राह पर चलने वाले जोख़िम उठाने से नहीं घबराते। जो लोग जोख़िम उठाने से परहेज करते हैं, सफलता की बुलंदी तक नहीं पहुंच पाते हैं। 

४ काम में हीला-हवाली करना

काम में ढिलाई करने वाले लोग हमेशा असफल होते हैं और इसका दोष प्रायः दूसरों के उपर मढ़ते रहते हैं। 

५ लक्ष्य निर्धारण का अभाव

जैसे कोई मुसाफिर लगातार चलता जाये। किन्तु यदि यह न पता हो कि उसे कहाँ जाना है तो वह कहाँ जायेगा? किसी खास मुकाम तक पहुंचेगा? नहीं न। ठीक उसी तरह जिसे अपना लक्ष्य का ही पता न हो तो उसे मंजिल कैसे मिल सकती है? 

६ नकरात्मक नज़रिया

नकरात्मक सोच वाले लोग हमेशा अज्ञात भय से ग्रसित, दुखी और मायूस रहते हैं। घर-समाज में सभी लोग उन्हें बुरे लगते हैं। यहाँ तक कि पूरी दुनियाँ उन्हें निरस प्रतीत होती है। इसके लिए सकारात्मक नजरिया रखना जरूरी है। 

७ आत्मविश्वास की कमी

आत्मविश्वासी लोग मुश्किलों से घबराते नहीं बल्कि उनका डटकर मुकाबला करते हैं। इसके विपरीत जिनके अंदर आत्मविश्वास का अभाव होता है वे कठिन परिस्थितियों का सामना करने के बजाय भय और शंका से घिर जाते हैं। उन्हें हमेशा अपनी सफलता पर संदेह महसूस होता है। 

८ आर्थिक समस्या


आर्थिक परेशानी भी असफलता का एक प्रमुख कारण होती है।

९ दृढ़ निश्चयी न होना


दृढ़ निश्चय की कमी वाले व्यक्ति राह में आने वाली बाधाओं से बहुत जल्दी घबरा जाते हैं और अनेक बार तो काम पूरा करने के बजाय बीच में अधूरा ही छोड़ देते हैं। 

१० अति-आत्मविश्वास

कहा जाता है, “अति सर्वत्र वर्जयेत्”। जैसे किसी भी चीज की अति बुरी होती है। ठीक उसी तरह अति-आत्मविश्वास भी बुरा होता है तथा परिणाम सुखद नहीं होता।  

अरुचिकर काम


वही काम करें, जिसमें आपका मन लगता हो तथा जिसे करने से आपको खुशी मिलती हो। जिस काम में आपकी रुचि नहीं होती, वह काम सही ढंग से सम्पन्न नहीं होता।

१ झूठ और फ़रेब का सहारा लेना


झूठ, फ़रेब से कभी कभार काम बनाया जा सकता है। परन्तु एक न एक दिन झूठ की पोल खुल ही जाती है। उसके बाद फरेबी सबकी नज़र से गिर जाता है। समाज में उसकी कोई कद्र नहीं होती। यहाँ तक कि उसके संगी-साथी भी एक-एक करके उसका साथ छोड़ देते हैं। 

१२ दूसरों की कमियाँ ढूढ़ना


जो व्यक्ति दूसरों की कमियों को ढूढ़ने में अपना समय व्यतीत करता है, वह कभी भी सफल नहीं होता है। इसलिए दूसरों की गलतियों को खोजने के बजाय अपनी गलतियों, बुराइयों को खोजें और उसे यथाशीघ्र दूर करने का उपाय करें। 

 हार मान लेना


असफल होने पर हार नहीं मानना चाहिए, हिम्मत नहीं छोड़ना चाहिए। कहा जाता है, “मन के हारे हार है मन के जीते जीत”। आपकी हार तभी होती है, जब आप मन से हार जाते हैं। इसलिए हौसला बुलंद रख कर आगे बढ़ें, सफलता अवश्य आपके कदम चूमेगी।

 सफलता के नियमों का अनुशरण न करना

यदि अपने जीवन को सफल बनाना है तो आपको सफलता के नियम का कड़ाई से पालन करना भी जरूरी है। 

असफलता से बचने के उपाय:

  • जीवन के प्रति आशावान बनें।  
  • गलतियों से सबक लें और उनकी पुनरावृत्ति न होने दें। 
  • ऊंचे चरित्र वाले लोगों से संबंध स्थापित करें। 
  • हमेशा पाने से ज्यादा देने की सोचें। 
  • लक्ष्य को बड़ा रखें। 
  • अपनी कमियों को पहचान कर उन्हें दूर करने की कोशिश करें।
  • लगातार कुछ नया सीखने और नया करने की आदत डालें। 
  • अपने जीवन के मूल्यों से कभी समझौता न करें। 
  • समय परिवर्तनशील है। इसलिए मुश्किल के समय धैर्य रखें और संयम पूर्वक अपनी कोशिश जारी रखें, मुश्किलें आसान हो जायेंगी।
  • अपनी तुलना दूसरों से न करें क्योंकि ईश्वर ने दुनियाँ में सबको अलग बनाया है और सबकी कार्यक्षमता भी एक जैसी नहीं होती। 
  • दूसरों की सफलता से सीख लें, प्रेरणा लें, न की ईर्ष्या करें। 
  • आत्मसम्मान करें। 
  • दूसरों की नकल न करें। 
असफलता से सफलता पर शायरी:

सुर्ख-रू होता है इंसां, ठोकरें खाने के बाद।
रंग लाती है हिना, पत्थर पे घिस जाने के बाद।।    
   
असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करो,                
क्या कमी रह गई है, देखो और सुधार करो।। 
जब तक न हो सफल, नींद चैन को त्यागो तुम, 
संघर्ष का मैदान छोड़कर मत भागो तुम।। 
कुछ किये बिना ही, जय जयकार नहीं होती। 
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।। 

नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है। 
चढ़ती दीवारों पर सौ बार फिसलती है।। 
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है। 
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना ना अखरता है।। 
आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती। 
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती।। 

मंज़िल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है। 
पंख तो यूँ ही फड़फड़ाते हैं, उड़ान तो हौसलों से होती है।। 

वो जो शोर मचाते हैं भीड़ में, भीड़ बनकर ही रह जाते हैं। 
वे ही पाते हैं कामयाबी, जो खामोशी से काम कर जाते हैं।। 

जो हो गया उसे सोचा नहीं करते, जो मिल गया उसे खोया नहीं करते। 
हासिल उन्हें होती है सफलता, जो असफलता पर रोया नहीं करते।। 

असफलता की छाव में, चुपचाप नहीं है बैठना।
सफलता की खोज में, रोज नयी शुरुआत है करना।

असफलता नहीं होती, यदि हम खुद ही हार ना मानें।
सफलता तो एक दिन, हमारे कदमों में जरूर है आनें।। 

असफलता ही वह मील का पत्थर है, जो हमें सफलता की राह दिखाता है। 
जीवन में जो हार से सबक लेता है, अंत में सचमुच वही विजेता होता है।।

असफलता तो जीवन की पहली सीढ़ी होती है,
सफलता तो उसके ऊपर बनी सीढ़ियों का अंत होती है।।

असफलता नहीं विफलता है, अगर संघर्ष से डर जाये।
सफलता तो उसी की होती है, जो गिरके भी खड़ा हो जाये।।

जो असफलता का डर भूल गया, वही सफलता की राह देखता है। 
अंत में जीत तो हमेशा उनकी ही होती है, जो हारने से नहीं डरता है।। 

असफलता से सीख:
  • असफलता हमें यह बताती है कि हम कहाँ गलती कर रहे हैं और हमें जीवन के कौन से क्षेत्रों में सुधार करना है? 
  • असफलता हमें यह सिखाती है कि सफलता प्राप्त करने के लिए हमें कितनी मेहनत करनी पड़ती है? 
  • असफलता हमें सचेत करती है कि हम किस दिशा में जा रहे हैं और क्या हमें अपने मार्ग को बदलने की आवश्यकता है? 
  • असफलता हमें सच्ची सफलता की कीमत समझाती है, जो संघर्ष, निराशा और पुनः प्रयास के बाद प्राप्त की जाती है। 
  • असफलता हमें धैर्य, संयम और आत्म-विश्वास की शिक्षा देती है। 
  • हमें अपनी असफलताओं से डरने की जरूरत नहीं है, बल्कि हमें उनसे सीखने और उनसे बेहतर करने की कोशिश करनी चाहिए।
  • असफलता केवल एक क्षणिक स्थिति होती है, जबकि सीखना और सुधारना एक अनंत प्रक्रिया होती है।
  • असफलता अंतिम उपाय नहीं है। असफलता एक चुनौती है इसे स्वीकार करो। 
  • यह हमें हमारे उद्देश्यों की ओर और ज्यादा दृढ़ता से काम करने के लिए प्रेरित करती है। 
  • अगर हम असफलता को सही दृष्टिकोण से देखें, तो यह हमारे विकास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन सकती है।
  • असफलता हमें अपनी कमजोरियों को स्वीकार करने और उन्हें सुधारने का अवसर प्रदान करती है। 
सारांश 

असफलता से लोग घबराकर प्रयत्न करना ही छोड़ देते हैं। जबकि हकीकत यह है कि असफलता से हमें सीख मिलती है, हमें आत्मचिंतन करने का अवसर मिलता है। इसलिए हमें देखना चाहिए कि हमसे कहाँ पर चूक हुई? क्या कमी रह गई? जिसके वजह से हम सफलता से वंचित रह गये। कारण का पता लगा कर उसे दूर कर लें, सफलता की राह स्वतः आसान हो जायेगी। जीवन में यदि असफलता से निराश हों तो मकड़ी से सबक लें। जैसे मकड़ी अपने बार-बार क्षत-विक्षत जाले को हर बार बुनती है। वैसे ही असफलता को हमें चुनौती की तरह स्वीकार कर आगे बढ़ना चाहिए।

संबंधित लेख, जिन्हें आपको अवश्य पढ़ना चाहिए-

"असफलता एक चुनौती है इसे स्वीकार करो" से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ):

प्रश्न: असफलता क्यों एक चुनौती मानी जाती है?

उत्तर: असफलता हमें हमारी कमजोरियों और उन स्थलों के बारे में बताती है जहाँ हमें बेहतर बनने के लिए सुधार करने की आवश्यकता होती है। इसलिए, असफलता एक चुनौती है जिसे हमें स्वीकार करना चाहिए

प्रश्न: क्या असफलता हमेशा बुरी होती है?

उत्तर: नहीं, असफलता हमें सीखने के नए अवसर प्रदान करती है। यह हमें हमारी गलतियों को सुधारने का और बेहतर होने का मौका देती है।

प्रश्न: असफलता से कैसे निपटा जाए?

उत्तर: असफलता से निपटने के लिए, हमें इसे एक सीख के रूप में स्वीकार करना चाहिए। हमें यह समझना होगा कि असफलता एक अंत नहीं है, बल्कि यह एक प्रक्रिया है जो हमें बेहतर बनाती है।

प्रश्न: क्या असफलता हमें सच्चाई से जोड़ती है?

उत्तर: हाँ, असफलता हमें हमारी सीमाओं, हमारी कमजोरियों, और जहां हम सुधार सकते हैं, उन स्थलों के बारे में बताती है। इस प्रकार, यह हमें सच्चाई से जोड़ती है।

प्रश्न: असफलता को स्वीकार करने का क्या मतलब है?

उत्तर: असफलता को स्वीकार करने का मतलब है कि हम असफलता को एक नकारात्मक घटना की जगह, एक सीखने के अवसर के रूप में देखें। इसका अर्थ यह है कि हमें अपनी त्रुटियों से सीखना है और उन्हें सुधारने का प्रयास करना है।


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