4 मई 2024

स्वास्थ्य जीवन का अमूल्य धरोहर है; इसे अनदेखा न करें।

स्वास्थ्य हमारे जीवन का अमूल्य धरोहर और सुखी जीवन की आधारशिला है। स्वास्थ्य से मानव जीवन की कार्यक्षमता प्रभावित होती है। मनुष्य, अपने घर-परिवार में सबके स्वास्थ्य को लेकर फिक्रमंद तो रहता है परंतु खुद के स्वास्थ्य को प्रायः अनदेखा करता है। सोचता है कि अभी तो सब ठीकठाक है। जब कुछ होगा, तब देखा जायेगा। ये सोच ही गलत है। अगर आप  स्वस्थ रहेंगे तभी आप दूसरों के स्वास्थ्य की रक्षा कर सकेंगे। मानव जीवन में संपत्ति, मान-मर्यादा, शोहरत, शक्ति, ज्ञान व सुरक्षा से भी कहीं अधिक महत्वपूर्ण उसका स्वास्थ्य है। जब तक मनुष्य स्वस्थ रहता है, वह स्वास्थ्य की वास्तविक कीमत नहीं समझता। इसका अहसास उसे तब होता है, जब इसे खो देता है। स्वास्थ्य की कीमत अगर जानना हो तो उस रोगी से पूछ सकते हैं जिसके पास सुख-सुविधा का हर साधन उसके पास मौजूद तो है पर वह उनका उपभोग नहीं कर सकता है। 

Source: Motivational Quotes Guru

महान दार्शनिक अरस्तू ने कहा था कि, "स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है।" अस्वस्थ होने पर मनुष्य सुखी जीवन व्यतीत नहीं कर सकता है। सुख-सम्पत्ति पाने के लिए मानव को उत्तम स्वास्थ्य की आवश्यकता पड़ती ही है। स्वास्थ्य का तात्पर्य शरीर को केवल रोगमुक्त होना ही नहीं है बल्कि शारीरिक, मानसिक एवं सामाजिक संपन्नता से युक्त होना है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, "स्वास्थ्य, शारीरिक मानसिक और सामाजिक रूप से प्रसन्नता की अवस्था है।" यदि हम अपने स्वास्थ्य को ध्यान में नहीं रखें, तो हमारी जीवनशैली में नकारात्मक परिवर्तन हो सकता है। यह सत्य है कि हम अपने स्वास्थ्य को अनदेखा करते हुए अपने अन्य कामों में लीन हो जाते हैं। स्वास्थ्य की अनदेखी से हमें कई तरह की गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है जैसे- बीमारियों का खतरा बढ़ना, समाजिक रूप से अलग-थलग पड़ जाना और चिंता एवं डिप्रेशन से ग्रसित हो जाना इत्यादि। स्वास्थ्य का सही ध्यान रखना हमें एक सकारात्मक और स्वस्थ जीवन जीने में हमारी मदद करता है। नियमित व्यायाम, स्वस्थ आहार-विहार और अच्छी नींद लेना, हमें शारीरिक रूप से स्वस्थ रखता है, जबकि मानसिक और आत्मिक स्वास्थ्य के लिए ध्यान, मेडिटेशन, और आत्मचिंतन की जरूरत होती है।

स्वास्थ्य को अनदेखा करना हमारे लिए न केवल जीवन के साथ मिले अमूल्य अवसरों को कम करता है, बल्कि हमारे समाज और संगठन के विकास में भी अवरोध डालता है। इस लेख में हम "स्वास्थ्य जीवन का अमूल्य धरोहर है, इसे अनदेखा न करें" विषयवस्तु को हम गहराई से समझेंगे और इस पर विस्तार चर्चा से करेंगे।

स्वास्थ्य हमारे जीवन की अनमोल धरोहर है: 

संस्कृत में बड़ा अच्छा श्लोक है-

व्यायामात् लभते स्वास्थ्यं दीर्घायुष्यं बलं सुखं।              आरोग्यं परमं भाग्यं स्वास्थ्यं सर्वार्थसाधनम्॥     

इस श्लोक का अर्थ यह है कि मनुष्य के जीवन में स्वास्थ्य सबसे बड़ा धन है। स्वास्थ्य ही एकमात्र ऐसी चीज है जिससे जीवन में बाकी हर चीजें प्राप्त की जा सकती हैं। 

स्वास्थ्य का महत्व जीवन में अमूल्य धरोहर के रूप में स्वीकार किया जाता है। स्वास्थ्य न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी अधिक महत्वपूर्ण है। अच्छे स्वास्थ्य का होना एक समृद्ध और सफल जीवन का मौलिक आधार है। शारीरिक स्वास्थ्य, व्यक्ति की शारीरिक क्षमताओं और ऊर्जा को संतुलित रखने में मदद करता है। स्वस्थ व्यक्ति कार्य करने में अधिक सक्षम होता है और समाज में अपनी सक्रिय भागीदारी कर सकता है। यह उनके आत्मविश्वास को बढ़ाता है और उन्हें मानसिक दृढ़ता प्रदान करता है।

स्वस्थ और प्रसन्नचित्त व्यक्ति सबको भले लगते हैं। पूर्ण रूप से स्वस्थ व्यक्ति के लिए दुनियाँ सरस और हसीन लगती है। सब लोग उनसे प्रेम करते हैं। जबकि रोगी हो जाने पर वे किसी को भी अच्छे नहीं लगते हैं। देर-सबेर जो उनके खास होते हैं वे भी उनसे नफरत करने लगते हैं। बात-बात में उन्हें झिड़कते हैं और ताने मारते हैं। तब उनकी जिंदगी बोझिल हो जाती है और नरक सी लगने लगती है। वही दुनियाँ जो उनके लिए पहले हसीन हुआ करती थी, अब नीरस लगने लगती है। उस अवस्था में वह व्यक्ति अपने आप को बेबस और लाचार पाता है। कभी-कभी तो वह तन्हाई को झेल नहीं पाता और अंततः दम तोड़ देता है। 

स्वास्थ्य का महत्व न केवल व्यक्तिगत स्तर पर ही है, बल्कि स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए भी आवश्यक है। स्वास्थ्य रूपी धरोहर को बनाए रखने के लिए संवेदनशीलता के साथ-साथ अनुशासन और स्वस्थ जीवनशैली की आवश्यकता होती है। समुचित आहार, नियमित व्यायाम, पर्याप्त विश्राम और स्वच्छता आदि स्वस्थ जीवनशैली के महत्वपूर्ण घटक हैं। इसके साथ ही, नियमित चेकअप और संबंधित आवश्यक चिकित्सा पर भी ध्यान देना जरूरी है। स्वास्थ्य के महत्व को समझने के लिए हमें विस्तृत दृष्टिकोण रखना होगा। एक स्वस्थ समाज, राष्ट्र विकास की वह अमूल्य धारा है, जो समृद्धि और प्रगति की दिशा में लगातार आगे बढ़ते रहने की प्रेरणा देता है। स्वास्थ्य एक ऐसी आवश्यकता है जिसका प्रभाव जीवन के हर क्षेत्र में महसूस किया जाता है। स्वास्थ्य का ध्यान रखने से समाज में जागरूकता फैलती है। इसलिए इसके महत्व को समझकर हमें समृद्ध और सशक्त समाज की दिशा में सतत प्रयत्नशील रहना चाहिए। 

एक स्वस्थ व्यक्ति अपनी सार्वभौमिक दायित्वों को पूरा करने में सक्षम होता है और समाज को आगे दिशा में ले जाने में मदद करता है। इसलिए, स्वास्थ्य को एक अमूल्य संसाधन के रूप में देखा जाना चाहिए जो समृद्ध और समावेशी समाज के निर्माण में मदद करता है। स्वास्थ्य के महत्व को समझने के लिए हमें व्यक्तिगत और सामाजिक स्तर पर जागरूकता और संवेदनशीलता को बढ़ाने की आवश्यकता है। 

अच्छा स्वास्थ्य, किसी वरदान से कम नहीं है:-

सन् १९६० के दसक में मुझे अच्छी तरह याद है, गाँव में लोग बीमार कम पड़ते थे। बहुत से बुजुर्ग तो अपने जीवनकाल में कभी इंजेक्शन नहीं लगवाये। नज़र इतनी तेज की चश्मे की उन्हें जरूरत ही नहीं पड़ी। ज्यादातर सर्दी-जुकाम, बुखार हुआ तो लोग काढ़ा बनाकर पी लेते और ठीक भी हो जाया करते थे। ठीक होने के पीछे कारण ये था कि उस समय रासायनिक खाद या कीटनाशक पदार्थों का चलन नहीं था और लोग प्रकृति के सानिध्य में रहकर कड़ी मेहनत करते थे। उनकी दिनचर्या स्वस्थ और अनुशासित हुआ करती थी। आपस में मेलजोल था। जब किसी को कोई परेशानी होती तो लोग आपस में मिलजुल कर उसे दूर कर लेते। इस तरह लोग मानसिक तनाव से कोसों दूर रहते थे। उस समय हैजा, चेचक, मलेरिया आदि छुआछूत के रोग प्रायः होते थे। बच्चों का जन्म सामान्य तरीके से गांवों की कुछ अनुभवी महिलाओं की देखरेख में हो जाया करता था। बिरले केस ही होते थे जिनमें महिलाओं को अस्पताल ले जाना होता था। उस समय बच्चे जब बीमार होते तो मेरे गांव में प्रायः एक बुजुर्ग होम्योपैथी के डाक्टर आते थे। अंग्रेजी दवा के डाक्टर कम थे। एमबीबीएस डाक्टर होना उस समय बड़ी बात हुआ करती थी। कहने का तात्पर्य ये है कि लोगों का डाक्टरों के पास जाना बहुत कम हुआ करता था। वहीं आज के बदलते समय में लोगों के स्वास्थ्य का आलम ये है कि बच्चा जब अभी माँ के पेट में ही होता है तभी से उसकी दवाई की खुराक तय कर दी जाती है। लोगों के पैसे, खाने से ज्यादा आज दवा-इलाज में जा रहा है। आज स्वास्थ्य खरीदा जा रहा है। इसलिये, आजकल अपने स्वास्थ्य के प्रति बहुत सजग रहने की जरूरत है नहीं तो जिन डाक्टरों को भगवान का दर्जा दिया जाता है, उनमें से आज ऐसे भी मिल जायेंगे कि एक बार उनकी जाल में फंस गए तो उसमें से बाहर नकलना मुश्किल हो जायेगा। इसीलिए ये कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि आज के समय में अच्छे स्वास्थ्य का होना, किसी वरदान से कम नहीं। 

अच्छे स्वास्थ्य की विशेषताएं:-

  • शरीर में स्फूर्ति और ताजगी का अहसास होना।
  • शरीर के सभी अंगों का सामान्य आकार का होना तथा उनका उचित रूप से कार्य करना। 
  • रक्तचाप, हृदयगति, शरीर का वजन आदि व्यक्ति के आकार, आयु व लिंग के हिसाब से निर्धारित मानकों के अनुरूप होना। 
  • शारीरिक व मानसिक क्रियाशीलता का उत्तम होना। 
  • पाचन व उत्सर्जन-क्रिया, दुरूस्त होना
  • मजबूत रोग-प्रतिरोधक क्षमता।
  • मांसपेशियां सुदृढ़ एवं सुविकसित हों। 
  • शारीरिक संरचना संतुलित हो। 
  • आंखें स्वस्थ व त्वचा कांतिमय हो। 
  • शरीर सुडौल हो।
  • पेट साफ रहता हो। 
  • चेहरा, शांत और हंसमुख हो। 
  • मन में प्रसन्नता का भाव हो। 
  • महिलाओं की नियमित माहवारी होना। 
  • शरीर, आयु की दृष्टि से सुविकसित होना। 
  • मुखारविंद आकर्षक हो। 
  • श्वसन-क्रिया, उत्तम हो। 
स्वास्थ्य को अनदेखा करने के दुष्परिणाम:- 

स्वास्थ्य को अनदेखा करने के बहुत सारे दुष्परिणाम होते हैं।  जैसे-
  • शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का ह्रास होता है जिसके कारण अनेक प्रकार की बिमारियों का सामना करना पड़ता है, जिससे स्वास्थ्य बड़ी हानि होती है और खोया हुआ स्वास्थ्य वापस लाना बड़ा मुश्किल होता है।
  • समस्या दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जाती है जिसके इलाज के लिए दवाई का खर्च और अस्पताल के खर्च, आर्थिक स्थिति को बुरी तरह प्रभावित कर देता है। 
  • कार्य क्षमता में कमी आती है जिससे दायित्वों के निर्वहन में मुश्किलें आती हैं। 
  • उत्पादकता कम हो जाती है जिससे कम्पनियों और संगठनों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। 
  • व्यक्तिगत और सामाजिक रिश्ते खराब होते हैं। 
  • विद्यार्थियों की शिक्षा बाधित होती है जिससे उनके शैक्षणिक उत्थान और करियर में रुकावट आती है। 
  • मानसिक समस्याएँ भी उत्पन्न हो सकती हैं, जैसे कि डिप्रेशन और अवसाद।
  • सामाजिक प्रतिष्ठा कम हो जाती है। 
  • जीवनकाल में कमी आती है।
  • आत्मसम्मान और मनोबल घटता है। 
  • जीवन की गुणवत्ता में कमी आती है। 
  • प्रजनन क्षमता पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।   

सार:-

स्वास्थ्य हमारे जीवन का महत्वपूर्ण स्तंभ है। एक स्वस्थ व्यक्ति अपने कार्यों को पूरा करने में सक्षम होता है, समाज में सक्रिय भागीदारी निभाता है और अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित होता है। इसलिए, स्वास्थ्य को ध्यान में रखना हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। स्वास्थ्य हमारे जीवन की अमूल्य धरोहर है जिसे हमें कभी भी अनदेखा नहीं करना चाहिए। स्वस्थ जीवनशैली का पालन करना हमें सकारात्मक और समृद्ध जीवन की ओर ले जाता है। स्वास्थ्य का महत्व समझते हुए, हमें नियमित व्यायाम करना, संतुलित आहार लेने के साथ नियमित चेकअप भी करवाते रहना चाहिए। इस तरह, हम स्वास्थ्य की देखभाल करके अपने जीवन को और भी उत्कृष्ट बना सकते हैं तथा अपने सपनों को बेहतर रूप से साकार कर सकते हैं। 

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अच्छे स्वास्थ्य से संबंधित प्रश्न एवं उनके उत्तर (FAQ):-

प्रश्न-१: अच्छा स्वास्थ्य क्या है? 

उत्तर: अच्छा स्वास्थ्य, शारीरिक और मानसिक रूप से संतुलित होने की स्थिति है जिसमें व्यक्ति नियमित रूप से व्यायाम करता है, स्वस्थ आहार लेता है, अच्छी नींद प्राप्त करता है, और तनाव को सही तरीके से प्रबंधित करता है।

प्रश्न-२: स्वास्थ्य महत्वपूर्ण क्यों है? 

उत्तर: स्वास्थ्य महत्वपूर्ण है क्योंकि यह समर्थ, सुखद, और उत्तम जीवनशैली का मूल आधार है। सही स्वास्थ्य से न सिर्फ शारीरिक रूप से सकारात्मक प्रभाव होता है, बल्कि यह मानसिक और सामाजिक सुख-शांति में भी सहायक होता है। अच्छे स्वास्थ्य से लोग कार्य में सक्षम रहते हैं और जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

प्रश्न-३: एक स्वस्थ व्यक्ति की क्या पहचान होती है?

उत्तर: यदि पेट साफ़ हो, वज़न सही हो, आलस न आता हो, अच्छी भूख-प्यास और नींद लगती हो, शरीर में कहीं कोई पीड़ा न हो तथा मन प्रसन्न रहता हो, तो हम अपने आपको स्वस्थ मान सकते हैं।

प्रश्न-४: अच्छे स्वास्थ्य की मूल शर्ते क्या हैं? 

उत्तर: (१) सन्तुलित आहार (२) व्यक्तिगत एवं घरेलू स्वास्थ्य (३) शुद्ध, स्वच्छ भोजन, हवा एवं पेयजल, (४) समुचित व्यायाम एवं विश्राम (५) दुर्व्यसनों से मुक्त होना।

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