ब्रह्माण्ड, सौरमंडल, सभी ग्रह, असंख्य तारे, आकाशगंगाऐं, आकाशीय पिण्ड, सारे पदार्थ, एवं ऊर्जा का समावेश है। ब्रह्माण्ड बहुत ही विशाल है। यह देखने में जितना सुन्दर लगता है, उससे कहीं ज्यादा रोचक और रहस्यमयी है।
ब्रह्माण्ड का आकार इतना विशाल है कि हम कल्पना भी नहीं कर सकते। समूचे ब्रह्माण्ड का बहुत छोटा हिस्सा (लगभग ५%) ही हम देख पाते हैं, जिसे हम दृश्य-ब्रह्माण्ड कहते हैं। बाकी हिस्से को हम देख नहीं पाते उसे हम अदृश्य ब्रह्माण्ड कहते हैं। अदृश्य ब्रह्माण्ड, डार्क एनर्जी (६८% लगभग) और डार्क मैटर (२७% लगभग) से भरा हुआ है। ब्रह्माण्ड कैसे बना? इसके विषय में कोई प्रमाणिक तथ्य तो नहीं है। किन्तु प्रचलित मान्यता के अनुसार ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति एक शूक्ष्म विन्दु में भयंकर विस्फोट के परिणामस्वरूप हुआ, जिसे बिग-बैंग थ्योरी या महाविस्फोट का सिद्धांत कहते हैं।
Sr. No. |
CONTENTS |
1 |
सौरमंडल |
2 |
अंतरिक्ष |
3 |
आकाशगंगा |
4 |
ब्लैक होल |
5 |
महाविस्फोट का सिद्धांत या बिग-बैंग थ्योरी |
6 |
ब्रह्माण्ड से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न |
सौरमंडल में, सूर्य तथा उसकी परिक्रमा करने वाले ग्रह, उपग्रह, पुच्छल तारे एवं उल्का पिण्ड सम्मिलित हैं जो गुरुत्वाकर्षण बल के द्वारा एक दूसरे से बंधे हुए हैं। सूर्य, सौरमंडल के केन्द्र में स्थित है। सूर्य, सौरमंडल का आधार है। सारा जन-जीवन, सूर्य की ऊर्जा से है। सौरमंडल के ग्रहों का संक्षिप्त विवरण नीचे दिया गया है।
बुध या मरकरी
पृथ्वी
शुक्र या वीनस
वृहस्पति या जुपिटर
मंगल या मार्स
शनि या सैटर्न
अरुण या यूरेनस
वरूण या नेप्च्यून
२. अंतरिक्ष
३. आकाशगंगा
स्वच्छ एवं अंधेरी रात में जब हम आकाश में देखते हैं तो
आकाश के बीच में असंख्य तारों की एक सफेद पट्टी सी दिखाई देती है जिसे आकाश गंगा या Milky Way कहा जाता है। इसमें ५ खरब से अधिक तारे हैं। ब्रह्माण्ड
में अरबों-खरबों
आकाशगंगाऐं हैं, जो स्थिर नहीं हैं। आकाशगंगा में भी खरबों
तारे होते हैं। सभी आकाशगंगाओं का आकार, आकृति, एक जैसी नहीं है। भारत
में आकाशगंगा को मन्दाकिनी, देवनदी या सुरनदी भी कहते हैं। जिस तरह सौरमंडल में बहुत सारे ग्रह, उपग्रह हैं, उसी तरह आकाशगंगा में अनेक सौरमंडल हैं। हमारे आकाशगंगा के बीच में,
एक ब्लैक होल भी है। हमारा सौरमंडल आकाशगंगा के
केन्द्र के चारों ओर चक्कर लगाता है और उसे आकाशगंगा के केवल एक चक्कर लगाने में
लगभग २५ करोड़ वर्ष लग जाते हैं।
४. ब्लैक होल
ब्लैक होल, ब्रह्माण्ड में एक ऐसा खगोलीय पिण्ड है जिसका गुरुत्वाकर्षण बल इतना शक्तिशाली होता है कि, अपने पास आने वाली हर वस्तु को यहाँ तक कि प्रकाश को भी अपने अंदर खींचकर, नेस्तनाबूत कर देता है। ब्लैक होल के भीतर, किसी वस्तु की बात ही क्या, समय का भी कोई अस्तित्व नहीं होता है। इसीलिए, ब्लैक होल को ब्रह्माण्ड का दैत्य भी कहा जाता है।
ब्रह्माण्ड में यदि कोई पिण्ड जिसका द्रव्यमान और
गुरुत्वाकर्षण बल अधिक हो और उसे दबाकर अत्यंत छोटा से छोटा कर दिया जाय तो उसका
द्रव्यमान और घनत्व बहुत अधिक हो जायेगा। जिसके कारण उस पिण्ड का गुरुत्वाकर्षण बल
अत्यधिक प्रबल हो जायेगा और वह ब्लैक होल बन जायेगा। मान लिया जाय कि ब्रह्माण्ड
में कोई एक ऐसा तारा जो आकार में सूर्य से कई गुना बड़ा हो तथा उसका द्रव्यमान और
घनत्व भी सूर्य से काफी अधिक हो और यदि इसे दबाकर मटर के दाने के बराबर कर दें तो
उसका गुरुत्वाकर्षण बल इतना प्रबल हो जायेगा कि वह अपने पास आने वाली हर चीज को
अपने भीतर खिंचकर उसका अस्तित्व मिटा देगा। यहाँ भौतिक विज्ञान का कोई
भी नियम लागू नहीं होता है। ब्लैक होल अपने आप में एक रहस्य है।
५. बिग-बैंग थियरी या महाविस्फोट का सिद्धांत
सौजन्य: विश्व विज्ञान
उपसंहार
ब्रह्माण्ड के रहस्य बहुत ही रोचक और गहरे हैं। ब्रह्माण्ड के बारे में हम अभी तक जो भी जान पाए हैं, वह पूरे ब्रह्माण्ड के रहस्य का अंशमात्र है। ब्रह्माण्ड का अभी भी विस्तार हो रहा है। अंतरिक्ष, सूर्य, ग्रह, उपग्रह, तारे, नक्षत्र, आकाशगंगाऐं, ब्लैक होल तथा ऊर्जा आदि को संयुक्त रूप से ब्रहमाण्ड कहते हैं। अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण बल नहीं है। ब्लैक-होल के भीतर गुरुत्वाकर्षण बल इतना प्रबल होता है कि इसके भीतर आने वाली हर वस्तु नेस्तनाबूत हो जाती है। हम सौरमंडल के पृथ्वी ग्रह पर पर रहते हैं। सौरमंडल में सूर्य स्थिर है और पृथ्वी सहित सभी ग्रह-उपग्रह, सूर्य की परिक्रमा करते हैं। पृथ्वी, सूर्य के चारों ओर एक वर्ष में एक चक्कर लगाती है जिससे ऋतुएँ होती हैं और अपनी धुरी पर चौबीस घंटे में एक चक्कर लगाती है जिससे दिन-रात होता है।
ब्रह्माण्ड से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न और उनके उत्तर (FAQ):
प्रश्न-१: ब्रह्माण्ड क्या है?
उत्तर: ब्रह्माण्ड एक विशाल खाली स्थान है जिसमें तारामंडल, ग्रह, तारे, गैलेक्सी, नीला स्थल और अनेक अन्य खगोलीय वस्तुएँ होती हैं।
प्रश्न-२: ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति कैसे हुई?
उत्तर: ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति को "बिग-बैंग थ्योरी" से परिभाषित किया जाता है। यह करीब 13.7 बिलियन वर्ष पहले हुई थी। इसमें एक बहुत छोटे और उच्च तापमान वाले बिंदु से ब्रह्माण्ड का विस्तार हुआ।
प्रश्न-३: क्या ब्रह्माण्ड का विस्तार हो रहा है?
उत्तर: हाँ, ब्रह्माण्ड का निरंतर विस्तार हो रहा है। यह धारणा है कि महाविस्फोट के बाद से ब्रह्माण्ड निरंतर बढ़ रहा है।
प्रश्न-४: ब्रह्माण्ड की उम्र क्या है?
उत्तर: खगोलविदों के अनुसार, ब्रह्माण्ड की उम्र लगभग 13.7 बिलियन वर्ष है।
प्रश्न-५: ब्रह्माण्ड में क्या जीवन हो सकता है?
उत्तर: अभी तक केवल पृथ्वी पर ही जीवन का पता चला है, लेकिन खगोलविदों और वैज्ञानिकों के अनुसार, ब्रह्माण्ड में अन्य ग्रहों पर भी जीवन हो सकता है।
प्रश्न-५: ब्रह्माण्ड के आकार के बारे में क्या कहा जा सकता है?
उत्तर: ब्रह्माण्ड के आकार को लेकर वैज्ञानिकों में मतभेद है। कुछ वैज्ञानिक मानते हैं कि यह अनंत है, जबकि दूसरे मानते हैं कि यह सीमित है, लेकिन इसके विस्तार की दर इतनी अधिक है कि हमें यह अनंत प्रतीत होता है।
प्रश्न-६: हम ब्रह्माण्ड के कितने हिस्से को देख सकते हैं?
उत्तर: हम जितने ब्रह्माण्ड के हिस्से को देख सकते हैं, उसे 'दृश्य ब्रह्माण्ड' कहा जाता है। यह हमारे द्वारा देखे जा सकने वाले सबसे दूरी तारामंडल तक फैला हुआ है।
प्रश्न-७: क्या हम ब्रह्माण्ड के बाहर देख सकते हैं?
उत्तर: नहीं, हम ब्रह्माण्ड के 'बाहर' देखने में सक्षम नहीं हैं क्योंकि हमारे पास इसे मापने या समझने का कोई माध्यम नहीं है। ब्रह्माण्ड की सीमाओं के परे क्या है, यह एक अज्ञात ही है।
श्रोत: गूगल
Bahut badhiya
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