26 अप्रैल 2023

अपने व्यक्तित्व का विकास कैसे करें? (How to Develop our Personality)

अपने सोचने, बोलने, शारीरिक हाव-भाव, दूसरों के साथ व्यवहार, खान-पान के तरीकों में सुधार करने को व्यक्तित्व विकास (Personality Development) कहते हैं।स्वास्थ्य, शिक्षा, रहन-सहन, बोलचाल, काम करने का तरीका आदि विभिन्न बातें, मनुष्य के व्यक्तित्व के अंग हैं। इन सभी का व्यवस्थित, स्वस्थ, सुंदर होना, सबल एवं प्रभावशाली व्यक्तित्व का आधार है। यह मनुष्य का स्वभाव होता है कि वो जब भी किसी से मिलता है तो अपने व्यक्तित्व के हिसाब से व्यवहार करता है। ऐसे में व्यक्तित्व (Personality) अगर अच्छा नहीं है तो सामने वाले पर अच्छी छवि (Good Image) नहीं बन पाएगी। सूरत कैसी भी हो, लेकिन सीरत अच्छी होनी चाहिए। मसलन कुछ लोग बहुत सुंदर दिखते हैं, लेकिन उनके बजाय कोई साधारण-सा व्यक्ति हमारे मन में अपनी गहरी छाप छोड़ देता है। 

मनुष्य के जीवन में व्यक्तित्व का विशेष महत्व होता है। बाहरी तौर पर सुंदर दिखने वाले शख्स की तुलना में साधारण व्यक्ति के चेहरे पर छाई मधुर मुस्कान, उसके व्यवहार में शिष्टाचार और बातचीत करने का सलीका हमारे दिलो-दिमाग में एक खास पहचान बना लेता है। हर मनुष्य का अपना-अपना व्यक्तित्व, अपनी-अपनी पहचान होती है। इसकी विशेषता यही है कि लाखों-करोड़ों लोगों की भीड़ में कुछ लोग अपने निराले व्यक्तित्व के कारण पहचान लिये जाते हैं। 

दरअसल, व्यक्ति की उस संपूर्ण छवि का नाम ही व्यक्तित्व (Personality) है, जो वह दूसरों के सामने पेश करता है। खास बात यह कि किसी भी व्यक्ति का व्यक्तित्व उसके केवल एक गुण के कारण नहीं बनता, बल्कि इसमें उसकी संपूर्ण खूबियाँ जैसे-ज्ञान, अभिव्यक्ति, सहनशीलता, गंभीरता, प्रस्तुतीकरण, आदि होती हैं। तो आइये, हम अपने व्यक्तित्व का विकास कैसे करें? इस पर हम विस्तार से चर्चा करेंगे।

सौजन्य: find heights find heights

अच्छे व्यक्तित्व का महत्व:

क्या आप लोगों से बात करते वक़्त झेंप जाते हैं ? तो आपको भी जानना चाहिए व्यक्तित्व विकास का महत्व क्या है?

  • एक अच्छा व्यक्तित्व, भीड़ में अलग और प्रभावी दिखाई देता है।
  • अन्य लोग उसे देखकर प्रभावित होते हैं और प्रेरित होते हैं।
  • लोग उसे एक लीडर के रूप में देखते हैं।
  • एक सकारात्मक सोच-विचार वाले व्यक्तित्व से सभी लोग संबंध बनाना चाहते हैं।
  • ऐसा व्यक्ति निःसंदेह सफल होता है।

अच्छे व्यक्तित्व के फ़ायदे  (Benefits of Good Personality):

  • स्वभाव में विनम्रता लाता है।
  • आत्मविश्वास बढ़ाता है।
  • समूह में, एक अलग ही पहचान मिलती है।
  • बोलने की कला में निखार आता है।
  • बॉडी लैंग्वेज में अपेक्षित सुधार आता है।
  • यह साकारात्मक नजरिया का विकास करता है।
  • आत्मसम्मान की भावना जागृत होती है।
  • मन के डर को ख़त्म करने में मदद मिलती है।
  • व्यक्तिगत विकास आसान हो जाता है। 

व्यक्तित्व विकास के महत्वपूर्ण तरीके ( Important Tips of Personality Development):

जिम्मेदारी स्वीकार करना (Accept Responsibility) 

"जिम्मेदारियां उस व्यक्ति की तरफ खिंची चली आती हैं, जो उन्हें कंधे पर उठा सकता है।"- एल्बर्ट हब्बर्ड 

एक जिम्मेदारी उठाना, समझदारी और परिपक्वता की निशानी है। संकीर्ण विचारधारा के लोग ही जिम्मेदारियों से मुंह फेरते हैं। जिम्मेदारी उठाना, एक अच्छे नागरिक का कर्तव्य है। महानता की कीमत, जिम्मेदारी है- विंस्टन चर्चिल

औरों की परवाह करना (Show Consideration) 

कहानी-

एक बच्चा रेस्टोरेंट में आइसक्रीम खाने के लिए टेबल पर बैठ गया। जब एक महिला वेटर आयी तो उस बच्चे ने वेटर से आइसक्रीम का दाम पूछा। वेटर ने आइसक्रीम के बड़े कोन का दाम पचहत्तर रूपये बताया। दाम सुनकर बच्चे ने अपने हाथ में पकड़े पैसों को गिना और फिर उससे थोड़े छोटे कोन का दाम पूछा। वेटर ने छोटे कोन का दाम पैंसठ रूपये बताया। तब बच्चे ने छोटे आइसक्रीम को लेकर खाया, पैसे दिये और चला गया। जब वेटर प्लेट उठाने गयी तो उसने देखा कि प्लेट में दस रूपये, टिप्स के रखे हुए थे। वह छोटा बच्चा, उस वेटर का ख्याल रखा। उसने छोटा आइसक्रीम खाकर दस रूपये बचाये और वह उन बचे हुए पैसों को देकर, उसने दूसरों का ख्याल किया। अगर हम सभी, उस बच्चे की भांति सोचें और एक दूसरे का ख्याल रखें तो यह दुनियाँ कितनी हसीन हो जायेगी

सोच समझकर बोलना चाहिए (Choose Your Words Carefully) 

कुछ भी बोलने से अच्छा है कि खूब सोच समझकर बोलें। क्योंकि मुंह से निकले शब्द वापस नहीं लिए जा सकते और बातों का बड़ा असर होता है। मीठे वचन, जख्मों पर मरहम का काम करते हैं जबकि कड़वे वचन दिल में चुभते हैं। जैसा कि संत कबीर दास जी ने कहा है कि- 

मधुर वचन है औषधी, कटुक वचन है तीर। 
श्रवण द्वार ह्वै संचरै, सालै सकल शरीर।।

शिकायत करने से बचें (Avoid Complain) 

जब किसी की बुराई की जाती है तो उसका रवैया, खुद के बचाव का हो जाता है। शिकायत किसी के काम की करें, करने वाले की नहीं। आलोचना करते समय निजी नाराजगी जाहिर न करें। शिकायत अकेले में करें, सबके सामने नहीं। 

खुशमिजाज बनें (Be Cheerful) 

खुशमिजाजी की कोई कीमत नहीं होती, मगर यह बहुत कुछ रचती है। मुस्कराते चेहरे सबको भाते हैं। मुस्कुरा कर किसी से मिलने पर, अपना तो कुछ घटता नहीं, सामने वाला निहाल हो जाता है। खुशमिजाजी, अच्छाई से पैदा होती है। हंसते हुए नूरानी चेहरे को हमेशा पसंद किया जाता है। 

सौजन्य: Quora
अच्छे श्रोता बनें (Be a Good Listener) 
दूसरों को बोलने के लिए प्रेरित करने हेतु खुद अच्छा श्रोता बनें। हमारे सुनने के ढंग से पता चलता है कि हम कितनी परवाह करते हैं। जब हम किसी की बात को ध्यान से सुनते हैं तो बोलने वाला अपने को महत्वपूर्ण समझता है और उत्साहित होता है। 

सच्ची प्रशंसा करें (Give Honest Appreciation) 

मनोवैज्ञानिक, विलियम जेम्स का कहना है कि इंसान की गहरी इच्छाओं में से एक है- प्रशंसा पाना। सच्ची तारीफ करना, उन उपहारों में से एक है जो कि हम किसी को दे सकते हैं। इससे दूसरा व्यक्ति खुद को महत्वपूर्ण समझता है। प्रशंसा करना चाहिए, चापलूसी नहीं। यह सच्ची होनी चाहिए तथा दिल से निकलनी चाहिए।

अपनी गलतियों को स्वीकार करें (Accept Your Mistakes) 

गलती करना इंसानी फ़ितरत है। परन्तु जब अपनी गलती का अहसास हो, तब अपनी गलती के लिए न तो किसी पर दोष लगाएं और न ही बहाने बनायें बल्कि गलतियों को स्वीकार करते हुए माफी मांगें। और उससे सीख लें ताकि वह भविष्य में दुबारा न हो। 

तर्क करें, पर तकरार न करें (Discuss But Don't Argue

थोड़ी सी सावधानी से तकरार और बहस से बचा जा सकता है। बहस एक हारी हुयी लड़ाई को लड़ने के समान है। इसमें दोनों व्यक्ति अपनी-अपनी बात को मनवाने पर तुले होते हैं। बहसबाजी केवल अहंकार की लड़ाई होती है, जिसमें जीतने वाला भी हारता है, रिश्तों को खोता है। तो यह कैसी जीत हुई? जिंदगी में अगर कोई बड़ा चीज हासिल करना चाहता है तो उसके लिए पूर्णतया कुशल और समझदार बनना पड़ेगा। अर्थात् छोटी-छोटी बातों और बहस में न उलझना। 

वादों को निभाएं (Fulfill your Promises) 

वादा, इरादे जाहिर करता है। किसी से वादा करें तो बहुत सोच समझकर वादा करें। और अगर वादा कर लिया तो उसे टूटने न दें, उसे हर हाल में निभाएं। वचनबद्धता के बगैर रिश्ते खोखले होते हैं। 

अहसानमंद हों (Be Grateful) 

अहसान एक अहसास है। यह हमारे चरित्र को बनाता है और शख्सियत को सुधारता है। अहसानमंद होना विनम्रता से पैदा होता है। अहसान होने का अहसास हमें क्या सिखाता है? यह हमें आपसी सहयोग और एक दूसरे के प्रति वफादार होने की कला सिखाता है। अहसान होने का नजरिया जीवन के प्रति हमारा भाव बदल देता है। 

भरोसेमंद और वफादार बनें (Be Dependable and Practice Loyalty) 

पुरानी कहावत है, "एक छटाँक वफादारी, एक सेर चालाकी से ज्यादा अच्छी होती है।" काबिलियत बहुत जरूरी है परन्तु भरोसेमंद होना अनिवार्य है। जरा सोचिए, अगर किसी व्यक्ति के अंदर बहुत सी खुबियाँ हैं परन्तु वह वफादार और भरोसेमंद नहीं है तो क्या हम उसे अपनायेंगे? क्या अपनी टीम का हिस्सा बनायेंगे? हर्गिज नहीं। 

ईमानदार और निश्छल बनें (Be Honest and Flawless) 

ईमानदार का मतलब, नकली और झूठा बनने से बचना है एवं सच्चा और असली बनना है। 

कहानी-
एक किसान, एक बेकर को रोज एक सेर मक्खन बेंचा करता था। एक दिन बेकर ने मक्खन को तौला तो मक्खन कम निकला। इस बात से गुस्सा होकर उसे अदालत में ले गया। जज ने किसान से पूछा कि तौलने के लिए वह किस बाट का इस्तेमाल किया था? किसान ने जबाब दिया, "हुजूर! मैं तो अज्ञानी हूं। मेरे पास तौलने के लिए कोई बाट नहीं है। लेकिन मेरे पास एक तराजू है।" जज ने पूछा कि तुम मक्खन कैसे तौलते हो? किसान  ने उत्तर दिया, "इसने तो मुझसे मक्खन अब खरीदना शुरू किया है, मैं तो बहुत पहले से ही इससे एक सेर ब्रेड खरीद रहा हूँ। रोज सुबह जब बेकर एक सेर ब्रेड लाता है तो उसी को बाट बनाकर उसी के बराबर मक्खन तोल देता हूँ। इसमें अगर किसी का दोष है, तो वह है बेकर का। जिन्दगी में हमें वही वापस मिलता है जो हम दूसरों को देते हैं। 

विनम्र बनें (Practice Humility) 

विनम्रता सारे गुणों की बुनियाद है। विनम्रता से कद छोटा नहीं, बल्कि और ऊंचा होता है। 

कहानी-
बहुत समय पहले एक घुड़सवार ने देखा कि कुछ सैनिक, लकड़ी का गट्ठर उठाने की बहुत कोशिश कर रहे हैं। उस समय, उन सैनिकों का नायक भी वहीं खड़ा था। घुड़सवार ने नायक से पूछा कि वह उनकी मदद क्यों नहीं करता? नायक ने जबाब दिया कि मैं इनका नायक हूँ और मेरा काम इनको आदेश देना है। घुड़सवार अपने घोड़े से उतरकर सैनिकों के पास गया और उस गट्ठर को उठाने में उनकी मदद की। जब गट्ठर उठा दिया गया, घुड़सवार अपने घोड़े पर सवार हो, नायक से बोला कि अगली बार जब तुम्हारे सैनिकों को मदद की जरूरत पड़े तो तुम अपने कमांडर-इन-चीफ को बुलवा लेना। घुड़सवार के चले जाने के बाद, सिपाहियों और उस नायक को पता चला कि वह घुड़सवार और कोई नहीं बल्कि खुद जार्ज वाशिंगटन थे। 

दूसरों का ख्याल रखें (Be caring) 

आपसी रिश्ते, लोगों में पूर्णता (Perfection) के वजह से नहीं बनते, बल्कि आपसी समझदारी से बनते हैं। इसलिए दूसरों की भावनाओं के प्रति संवेदनशील बनें। एक अच्छा इंसान बनने से ज्यादा संतोष दूसरों का ख्याल रखने में मिलता है। इससे हमारी ख्याति बढ़ती है। 

खुशमिजाज बनें (Develop a Sense of Humour) 

कुछ लोग बहुत ही खुशमिजाज होते हैं जिससे लोग उनकी तरफ आकर्षित होते हैं। खुश रहना एक औषधि है जो खुद को स्वस्थ रखने के साथ-साथ दूसरों को भी स्वस्थ रहने में मदद करती है। अपने पर हंसना सीखें। खुद पर हंसने से हमें गिरकर उठने की शक्ति मिलती है। 

दोस्ताना व्यवहार रखें (Behave Friendly) 

हम हमेशा दूसरों से अच्छे व्यवहार की अपेक्षा रखते हैं। पर हम यह भूल जाते हैं कि हमें भी अच्छा बनने की जरूरत है। दोस्ती, त्याग मांगती है और इम्तिहान लेती है। दोस्ती और रिश्ते बनाये रखने के लिए, त्याग निष्ठा और समझदारी की जरूरत पड़ती है। सच्ची दोस्ती एक दूसरे की इज्जत, मान-सम्मान, भलाई पर आधारित होती है। बिना दोस्ताना सहयोग के सफलता प्राप्त करना मुश्किल होता है। 

दूसरों की भावनाओं की कद्र करें (Show Empathy) 

दूसरे का हमदर्द बनें। एक अच्छा इंसान बनें।
प्रतिज्ञा करें कि आप छोटों से नरमी से, बड़ों के साथ करुणा से, संघर्ष करने वालों के साथ हमदर्दी से और कमजोर और गलती करने वालों के साथ सहनशीलता से पेश आने की। क्योंकि हम अपने जीवन में कभी न कभी इनमें से किसी न किसी स्थिति से गुजरते हैं।- लायड शीयरर

बौद्धिक सजगता, सतर्कता भी व्यक्तित्व के विकास और पुष्टि के लिए आवश्यक है। इनके अभाव में मनुष्य दूसरों के द्वारा मूर्ख बनाया जा सकता है, अपने काम में धोखा खा सकता है, जीवन में आये हुए महत्वपूर्ण अवसरों को खो सकता है। विभिन्न कार्यों में, जीवन के विभिन्न क्षेत्रों का पर्याप्त ज्ञान और बौद्धिक विकास का होना आवश्यक है। इसके बिना व्यक्तित्व का महत्व, वजन और प्रभाव नहीं होता। शक्ति, सामर्थ्य और उपयोगिता के आधार पर ही व्यक्तित्व का मूल्य, महत्व निर्धारित होता है। व्यक्तित्व के विकास के लिए, मनुष्य का दृष्टिकोण, सामूहिकता प्रधान एवं सामाजिक होना आवश्यक है। जो अपने व्यक्तिगत स्वार्थ को स्थान न देकर, सामूहिक हितों का ध्यान रखते हैं, उनका व्यक्तित्व भी सार्वभौमिक बन जाता है। उनके साथ बहुत से लोगों का सहयोग, सद्भावनाएं आदि होती हैं। नेतृत्व करने वाले नेता, महापुरुष, समाज सुधारकों के व्यक्तित्व में यही विशेषता होती है। समग्रता में ही व्यक्तित्व की महानता, विशालता सन्निहित है।

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"व्यक्तित्व विकास (Personality Development)" से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ):

प्रश्न: व्यक्तित्व विकास क्या है?

उत्तर: व्यक्तित्व विकास एक प्रक्रिया है जिसमें व्यक्ति अपनी क्षमताओं, योग्यताओं और गुणों को निखारने की कोशिश करता है। इसमें आत्म-समझ, समय प्रबंधन, आत्म-नियंत्रण, सामर्थ्य और संवेदनशीलता विकास आदि शामिल होती हैं।

प्रश्न: व्यक्तित्व विकास क्यों महत्वपूर्ण है?

उत्तर: व्यक्तित्व विकास महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हमें सही निर्णय लेने, सही सोचने, संवाद द्वारा दूसरों को प्रभावित करने, और अपने जीवन-लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करता है।

प्रश्न: व्यक्तित्व विकास के लिए कौन से गुण आवश्यक हैं?

उत्तर: आत्म-विश्वास, संघर्षशीलता, धैर्य, समय-प्रबंधन, स्वस्थ जीवनशैली, निरंतर सीखने की प्रवृत्ति, सकारात्मक सोच, सहनशीलता और समर्थनात्मक मनोवृत्ति, ये सभी गुण व्यक्तित्व विकास के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।

प्रश्न: व्यक्तित्व विकास के क्या फायदे हैं?

उत्तर: व्यक्तित्व विकास से आपका आत्म-विश्वास बढ़ता है, संवाद कौशल सुधरते हैं, नकारात्मक सोच दूर होता है और जीवन में सफलता की संभावना बढ़ती है।

प्रश्न: व्यक्तित्व विकास के लिए क्या किया जा सकता है?

उत्तर: आप नियमित रूप से पढ़ाई कर सकते हैं, नई चीजें सीखने का प्रयास कर सकते हैं, सकारात्मक सोच बनाए रख सकते हैं, समय प्रबंधन कर सकते हैं, और स्वास्थ्यपूर्ण जीवनशैली अपना सकते हैं।

 श्रोत: शिव खेड़ा की पुस्तक, "जीत आपकी" तथा गूगल

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