जब बात मानसिक शांति की हो तब ये सवाल उठना लाजिमी है कि आज के परिवेश में हमारा मन कितना शांत रहता है? सच कहा जाये तो आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में मानसिक शांति बनाए रखना बहुत बड़ी चुनौती बन चुका है। हम सभी की जिंदगी का मकसद धन, सफलता, और शोहरत हासिल करना होता है लेकिन हम अक्सर यह भूल जाते हैं कि जीवन का असली खजाना मानसिक शांति है। जब हम मानसिक रूप से शांत होते हैं तब पूरी कायनात हमें हसीन लगती है, हमारे लिए अधिक ऊर्जावान होती है। वहीं अगर हमारा मन अशांत है, तो दुनियाँ की कोई भी चीज़ हमें संतुष्टि नहीं दे सकती।
अच्छी बात यह है कि मानसिक शांति कोई बहुत दूर की चीज़ नहीं, बल्कि यह हमारी अपनी आदतों और सोच में ही छुपी हुई है। मानसिक शांति हमारे मन की उपज है। इसलिए इसकी स्थापना हेतु हमें अपने भीतर जाना होगा, हमें अपने मन की गहराइयों में उतरना होगा। किसी विद्वान ने ठीक ही कहा है-
"जो अपने चारों ओर देखता है, वह जानकर है परंतु जो अपने भीतर देखता है, वास्तव में वह ज्ञानी है।"
१. हर सुबह को जीवन का एक नया अवसर मानिए:
जब आप सुबह सोकर उठें, तो सबसे पहले यह सोचें कि आज का दिन हमारे लिए एक नया दिन है और जीवन की नई शुरुआत है। इसलिये बीते हुए कल की चिंताओं को पीछे छोड़ दीजिए और गहरी सांस लें और खुद से कहें, "ईश्वर की कृपा से मैं शांत हूंँ, मैं स्वस्थ हूँ, मैं सक्षम हूंँ। मेरे जीवन में अभी तक जो भी हुआ बहुत अच्छा हुआ, अभी जो भी हो रहा है बहुत अच्छा हो रहा है और आगे जो भी होगा बहुत ही अच्छा होगा"। यह सोच आपका दिन बेहतर बनायेगी।
२. डिजिटल दुनियाँ से थोड़ा बाहर भी झांकिए:
आज हम फोन और लैपटॉप में इतने उलझ गए हैं कि खुद को ही भूल बैठे हैं। इसलिए हर दिन कम से कम आधा घंटा ऐसे बिताइए जब आपके पास और कुछ भी न हो, सिर्फ और सिर्फ आप हों। वहाँ कोई नोटिफिकेशन नहीं, कोई स्क्रीन नहीं—बस आप और आपकी शांति।
३. अपने दिल की बातों को कागज पर उतारिये:
जब भी आपका मन भारी लगे, अशांत लगे या उलझन में हो, तो उसे दबाइए मत। उसे किसी नोटबुक या डायरी पर उतार दीजिए। डायरी लिखना न सिर्फ मन को हल्का करता है बल्कि यह भी सिखाता है कि हर समस्या का हल हमारे-आपके भीतर ही मौजूद है।
४. समय का दोस्त बनिए, दुश्मन नहीं:
हम अक्सर समय के पीछे भागते हैं, लेकिन अगर समय के साथ चलें तो मन में कभी तनाव नहीं होगा। इसके लिए रोज़ाना अपने कामों की एक सूची बनाइए और अपने छोटे-छोटे लक्ष्यों को पूरा करके खुद को शाबाशी दीजिए। यकीन मानिए, यह आदत आपको हल्का महसूस कराएगी।
५. ध्यान और गहरी सांसों की ताकत पहचानिए:
जब दुनियाँ के शोर में आपका मन घबरा जाए, तो बस कुछ पल के लिए रुक जाइए। आंखें बंद करिए, गहरी सांस लीजिए, ध्यान करिये और अपने भीतर की शक्ति को महसूस करिए। ध्यान, सिर्फ एक साधना नहीं है बल्कि यह आपको खुद से मिलाने और मन को शांत करने का सबसे सुंदर जरिया है।
६. खुद को अपना सबसे अच्छा दोस्त बनाइए:
गलतियाँ तो हर किसी से होती हैं, लेकिन क्या हम-आप अपने किसी जिगरी दोस्त को उसकी गलती पर ताना मारते रहते हैं? नहीं ना! फिर खुद के साथ ऐसा सख्त रवैया क्यों? अपनी गलतियों को स्वीकार करें, उनसे सीखें और आगे बढ़ें। खुद को माफ करना, मानसिक शांति का एक कारगर रास्ता हो सकता है।
७. अपने मन का ख्याल रखने के लिए शरीर का ख्याल रखना आवश्यक है:
एक थका हुआ शरीर कभी शांत मन नहीं दे सकता। इसलिए अच्छी नींद लिजिए, पौष्टिक खाना खाइए और खुद को फिट रखिए। जब शरीर चुस्त-दुरुस्त रहेगा, तो मन अपने-आप प्रसन्न होगा और शांति स्थापित होगी।
८. आभार जताना सीखिए:
हर दिन कुछ ऐसा जरूर होता है जिसके लिए आप आभारी हो सकते हैं। चाहे वो आपके माता-पिता या परिवार का साथ हो, दोस्त की मुस्कान हो या फिर छोटी-मोटी खुशी हो। रोज़ रात सोने से पहले उनके लिए धन्यवाद कहिए। यकीनन यह छोटी सी आदत आपके नजरिए को बदल देगी।
९. छोटी-छोटी खुशियों को नजरंदाज न करें:
हम जीवन के बड़े-बड़े सपनों में इतने खो जाते हैं कि छोटी-छोटी खुशियाँ हमें दिखाई ही नहीं देतीं। कभी बच्चों के साथ खेलिए या किसी गरीब की मदद करके तो देखिए। यकीन मानिए, यही छोटी-छोटी चीजें दिल को बड़ा सुकून देती हैं।
१०. जरूरत पड़ने पर मदद लेने में हिचकिचायें नहीं:
कभी-कभी मन इतना उलझ जाता है कि खुद से निकलना मुश्किल हो जाता है। ऐसे समय में मदद मांगना कमजोरी नहीं, बल्कि समझदारी है। अपने भरोसेमंद लोगों से बात करिये या विशेषज्ञ की मदद लीजिए। मानसिक शांति के लिए मानसिक स्वास्थ्य सबसे जरूरी है।
सारांश:
मानसिक शांति, हमारी-आपकी सोच और समझ का नतीजा है। याद रखिए, बदलना मुश्किल जरूर होता है, लेकिन असंभव नहीं। अगर हम इस तरह के छोटे-छोटे व्यवहारिक उपायों को अपने जीवन में अपनाएँ तो जीवन में आने वाले उतार-चढ़ावों के बावजूद भी हम अपने मन को शांत रख सकते हैं। शुरुआत छोटी करें लेकिन निरंतरता बनाए रखें; यही मानसिक शांति की कुंजी है। स्मरण रखें! आपका जब मन शांत होता है, वास्तव में जीवन तभी शुरू होता है।
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बहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंधन्यवाद!
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